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Sunday, 17 November, 2024
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नेशनल इंट्रेस्ट

तालिबान के उदय के बीच भारत अपने 20 करोड़ मुसलमानों की अनदेखी नहीं कर सकता है

भारतीय मुसलमानों को न केवल भाजपा बल्कि अन्य सभी दलों ने भी सत्ता संरचनाओं से पूरी तरह बाहर कर दिया है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी 33 न्यायाधीशों में से मात्र एक मुस्लिम जज हैं.

काबुल ने बाइडन को भेड़ की खाल में छुपा भेड़ साबित किया, यूरोप, भारत और क्वाड उनके रुख से हैरत में है

अफगानिस्तान पर जो बाइडन को देखने के बाद क्वाड क्या अमेरिकी सहयोगियों की फैंसी नौसेना परेड के अलावा कुछ है?

अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ‘टेररिस्तान’ को भूलकर भारत को क्यों समुद्री शक्ति पर ध्यान देना चाहिए

भारत इस दहशत में न पड़े कि कमजोर पड़ता पाकिस्तान एक नया ‘टेररिस्तान’ बना डालेगा. भारत के लिए यह जमीनी खतरों को भूलकर समुद्री ताकत बनाने पर ज़ोर देने का अच्छा मौका है.

अमेरिका की यूज एण्ड थ्रो पॉलिसी से 3 बार जूझने के बाद अब अफगानिस्तान के आगे क्या बचा है

इस बार अमेरिका ने अफगानिस्तान में न केवल युद्ध लड़ा बल्कि उसके नवनिर्माण में जज़्बात के साथ काफी वक़्त और धन भी दिया. लेकिन अंत में उसे एशिया का सीरिया बनने के लिए छोड़कर चल दिया.

जाति, नस्ल, धर्म- भारतीय हॉकी के एकजुट रंगों ने साबित किया कि खेल की तरक्की सबको साथ लेकर चलने में है

ऐसी कोई भारतीय हॉकी टीम बनाना मुश्किल है जो हमारी विविधता, अनेकता में एकता को न प्रतिबिंबित करे और दूसरी टीमों से बेहतर हो. यह साबित करता है कि कोई खेल हो या कोई राष्ट्र, वह तभी तरक्की कर सकता है जब वह सबको साथ लेकर चले.

आखिर मिजोरम और असम क्यों भिड़ गए, इन पांच सवालों में छिपा है इसका राज

अपनी अलग-अलग पहचान रखने वाले उत्तर-पूर्वी राज्यों के ‘एकीकरण’ की जो पुरजोर कोशिश भाजपा कर रही है उसने असम और मिज़ोरम के बीच हिंसा को जन्म दिया है और अब तक दबे रहे क्षेत्रीयतावाद को भी उभार दिया है.

पसंद करें या नहीं, तालिबान एक हकीकत है, भारत उससे तभी निपट सकेगा जब BJP अपनी राजनीति बदले

भारत तालिबान को सिर्फ इसलिए राजनीतिक दुश्मन न मान बैठे कि वह इस्लामी है या पाकिस्तान का दोस्त है. भाजपा अगर अपने देश में ध्रुवीकरण की राजनीति से बाज आए तो वह मोदी सरकार उसे अपना दोस्त बना सकती है.

क्या देश कांच का बना है? राजद्रोह पर अगली सुनवाई में CJI रमन्ना को मोदी सरकार से पूछना चाहिए

राजद्रोह का कानून केवल औपनिवेशिक काल की देन ही नहीं है, यह एक निकम्मी सरकार का वह हथियार है जिसे लहराकर वह खुद को राष्ट्र का पर्याय घोषित करती है और इसका इस्तेमाल अपने विरोधियों के खिलाफ करती है .

क्या आपने मनसुख मांडविया की अंग्रेज़ी का मज़ाक उड़ाया? तो आपने मोदी का वोट और मजबूत कर दिया

नये स्वास्थ्य मंत्री मनसुख़ मांडविया की अंग्रेजी का मजाक उड़ाना यही दिखाता है कि मोदी के भारत ने कुलीनतावाद को खारिज कर दिया है.

मोदी को हराने में क्यों कमज़ोर पड़ जाता है विपक्ष- PEW सर्वे में छुपे हैं जवाब

भारतीयों और धर्म पर PEW का ताजा सर्वे विपक्ष के लिए एक बुकलेट हो सकता है क्योंकि उसे समझने में मुश्किल हो रही है कि धर्मनिरपेक्षता का उसका संदेश लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहा.

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भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में किसी भी घटना के प्रभाव से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में: दास

कोच्चि, 16 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र वैश्विक घटनाओं...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.