गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं. द्रविड कोच और लक्ष्मण एनसीए के प्रमुख हैं. सर्वविजेता टेस्ट कप्तान कोहली अब निशाने पर क्यों हैं यह समझना मुश्किल है इसलिए तमाम क्रिकेटप्रेमी नाराज हैं.
उत्तर-पूर्व के अधिकांश भाग को ‘आफस्पा’ जैसे सख्त कानून की जरूरत नहीं है. कोई भी सरकार इसे रद्द करने की हिम्मत नहीं करेगी, तो इसे जहां जरूरी है वहीं लागू किया जाए.
कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार भाजपा से मात भले खायी हो, उसने अपने पक्के 20% वोट बनाए रखे और यही वजह है कि भाजपा से मात खाए तमाम दल उसे चुनौती देने के लिए कांग्रेस का साथ चाहते हैं.
बीजेपी का चाहे जितना वर्चस्व हो भारत राज्यों का एक संघ है और उनमें से केवल 12 में ही उसके मुख्यमंत्री सत्ता में हैं. कृषि राज्यों का विषय है और अधिकांश भारत आंख मूंद कर उसका अनुसरण नहीं करता
बौद्धिक आलस के शिकार होने वालों में सलमान खुर्शीद अकेले नहीं हैं इसलिए उनसे सीख लेने से पहले कांग्रेसनेताओं को आइएसआइएस और चुनावी राजनीति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए.
50 वाले दशक की हिंदी फिल्मों में पत्रकार हीरो हुआ करते थे और बाद में तिकड़मी और जोकर तक के रूप में पेश किए जाने लगे, यह सोशल मीडिया पर खासकर महिला पत्रकारों को निशाना बनाए जाने को ही प्रतिबिंबित करता है.
यह मामला ऑल इंडिया और क्लास वन सेवा के कुछ अफसरों में नाम कमाने या ‘स्टार’ बनने के जुनून की ही एक मिसाल है, जबकि कई ऐसे अफसर भी हैं जो गुमनाम रहते हुए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं.
भारत चीन से लड़ सकता है मगर इसके लिए देश में शांति और स्थिरता चाहिए, चुनाव जीतने के लिए एनआरसी जैसे पुराने विवादों को भड़का कर या हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण करके चीन से मुक़ाबला नहीं किया जा सकता
शेखर गुप्ता
कश्मीर मसले को निबटाने के लिए पंजाब में अमन चाहिए. जानी-पहचानी बाहरी ताकतों को 30 साल पहले इन दोनों राज्यों में आग लगा देने का जो मौका मिल गया था वह उन्हें फिर से देने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता.
एक बात तो साफ है — हर राजनीतिक दल महिला सशक्तिकरण का तमगा पहनना चाहता है. सिवाय इसके कि सत्ता में एक महिला का होना अपने AAP में महिला-समर्थक नीतियों का मतलब नहीं है.