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Sunday, 17 November, 2024
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नेशनल इंट्रेस्ट

कृषि कानूनों की घर वापसी से साफ है कि दादागिरी से कानून पास करना समझदारी नहीं

बीजेपी का चाहे जितना वर्चस्व हो भारत राज्यों का एक संघ है और उनमें से केवल 12 में ही उसके मुख्यमंत्री सत्ता में हैं. कृषि राज्यों का विषय है और अधिकांश भारत आंख मूंद कर उसका अनुसरण नहीं करता

RSS/हिंदुत्व पर कई सवाल उठ सकते हैं पर ‌ISIS से तुलना कितनी वाजिब?

बौद्धिक आलस के शिकार होने वालों में सलमान खुर्शीद अकेले नहीं हैं इसलिए उनसे सीख लेने से पहले कांग्रेसनेताओं को आइएसआइएस और चुनावी राजनीति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए.

बॉलीवुड अब भारतीय पत्रकारों को धूर्त, तिकड़मी, TRP लोभी और मूर्ख के रूप में पेश कर रहा है

50 वाले दशक की हिंदी फिल्मों में पत्रकार हीरो हुआ करते थे और बाद में तिकड़मी और जोकर तक के रूप में पेश किए जाने लगे, यह सोशल मीडिया पर खासकर महिला पत्रकारों को निशाना बनाए जाने को ही प्रतिबिंबित करता है.

आर्यन -वानखेड़े प्रकरण के बाद IPS-IRS-IAS खुद से सवाल पूछें कि अपनी शपथ को लेकर वो कितने ईमानदार हैं

यह मामला ऑल इंडिया और क्लास वन सेवा के कुछ अफसरों में नाम कमाने या ‘स्टार’ बनने के जुनून की ही एक मिसाल है, जबकि कई ऐसे अफसर भी हैं जो गुमनाम रहते हुए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं.

मोहन भागवत सही कह रहे- चीन एक बड़ा खतरा है, लेकिन उससे निपटने का उनका फॉर्मूला गले नहीं उतर रहा

भारत चीन से लड़ सकता है मगर इसके लिए देश में शांति और स्थिरता चाहिए, चुनाव जीतने के लिए एनआरसी जैसे पुराने विवादों को भड़का कर या हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण करके चीन से मुक़ाबला नहीं किया जा सकता शेखर गुप्ता

लखीमपुर खीरी से वाया पंजाब -कश्मीर तक, जो हुआ ऐसे जोखिम भारत अब और नहीं उठा सकता

कश्मीर मसले को निबटाने के लिए पंजाब में अमन चाहिए. जानी-पहचानी बाहरी ताकतों को 30 साल पहले इन दोनों राज्यों में आग लगा देने का जो मौका मिल गया था वह उन्हें फिर से देने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता.

खुद को छिन्न-भिन्न करने में लीन विपक्ष, मोदी को अजेय कर रहा, पर 2022 में यूपी ला सकता है ट्विस्ट

अगर भाजपा यूपी में नहीं जीतती है, या फिर मामूली अंतर से ही जीतती है, तो 2024 के लिए चुनावी मूड एकदम अलग होगा. पंजाब में कांग्रेस की वापसी, बीएमसी पर शिवसेना और सहयोगी दलों का कब्जा बरकरार रहना भी मोदी की राह और कठिन कर सकता है.

क्या भारत की अहमियत है? कमला हैरिस के ‘उपदेश’ ने मोदी को ये बता दिया है

मोदी के लिए ऐतिहासिक मौका है कि वे अपने देश को एक नये, अधिक सुरक्षित रणनीतिक स्थिति में पहुंचा दें. यह वे पूर्ण लोकतांत्रिक देश के रूप में ही ऐसा कर सकते हैं.

मोदी की टक्कर का कोई नहीं, पर उनके नक्शे कदमों पर चल तेज़ी से बढ़ रहे हैं योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने भाजपा आलाकमान को सकते में डाल दिया है, अगले साल वे यूपी का चुनाव हार गए तो 2024 में भाजपा की उम्मीदों को झटका लगेगा लेकिन जीत गए तो यह जितनी योगी की जीत मानी जाएगी उतनी आलाकमान की भी.

मोदी को हराने का सपना देखने वालों को देना होगा तीन सवालों का जवाब, लेकिन तीसरा सवाल सबसे अहम है

क्या नरेंद्र मोदी को हराया जा सकता है? अगर हां, तो क्या कोई इसकी कोशिश कर रहा है? 2024 में मोदी को हराने की उम्मीद बांधे विपक्षी नेताओं को ऐसे कुछ अहम सवालों के जवाब ढूंढने चाहिए.

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भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में किसी भी घटना के प्रभाव से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में: दास

कोच्चि, 16 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र वैश्विक घटनाओं...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.