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Monday, 20 January, 2025
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नेशनल इंट्रेस्ट

मोदी सरकार विरोधियों के खिलाफ यूज़ कर रही ‘Triple Weapon’ पॉलिसी, तो देश में उभर रहा नया MAD सिद्धांत

केंद्र सरकार अगर अपने विरोधियों को धमकाने, जेल में भेजने के लिए अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है, तो गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने इसी तरह से प्रतिकार करने का जो तरीका चुना है वह आगे और तीखा रूप ले सकता है 

बुलडोजर जब एक बार फिर गरीबों को निशाना बना रहे, तो क्यों न दिल्ली के ‘रिपब्लिक ऑफ सैनिक फार्म’ को भी याद कर लें

दिल्ली का सैनिक फार्म कभी एक विशाल हरा-भरा इलाका था. इस पर सबसे पहले रिटायर्ड जनरलों की सेना की नजर पड़ी और देखते ही देखते राजधानी का ये कवच तोड़कर इसे पूरी तरह कब्जा लिया गया.

मुस्लिमों के साथ दिखने से विपक्ष को परहेज क्यों? मोदी सत्ता ने कैसे उनकी कल्पनाशीलता छीन ली है

ऐसा लगता है कि भाजपा के वर्चस्व ने उसके प्रतिद्वंद्वियों के राजनीतिक कौशल और कल्पनाशीलता को खत्म कर दिया है. वे इस्लाम के नाम से भी डरने लगे हैं और मुसलमानों के साथ देते दिखना नहीं चाहते.

‘विश्व गुरु’ आईने में अपना चेहरा देखें: दंगों और बुलडोजर से भारत की प्रतिष्ठा नहीं बढ़ेगी

आलोचनाओं पर आग बबूला होकर क्या हम अपनी नैतिक प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं? पक्षधर लोग तो आपके लिए तालियां बजाएंगे, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने भीतर झांकने की सलाहियत खो दें. या अपने शुभचिंतकों की बातों पर ध्यान न दें.

यूक्रेन संकट से ज़ाहिर है कि युद्ध की वजह स्वार्थ और घृणा होती है न कि नस्ल, धर्म और सभ्यता

दुनिया इस तरह बदल चुकी है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, उन्होंने भी नहीं की होगी जो लोगों को आपस में लड़ाने के लिए उन्हें धर्म, संस्कृति, और सभ्यतागत अंतरों के आधार पर बांटते हैं.

कर्नाटक के सामने एक समस्या है: BJP की विभाजनकारी राजनीति बेंगलुरु की यूनिकॉर्न पार्टी को बर्बाद क्यों कर सकती है

भाजपा की विभाजनकारी राजनीति कर्नाटक की सामाजिक समरसता, सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी उद्यमशीलता के विकास के लिए एक खतरा है.

यूक्रेन पर भारत की नीति को अनैतिक कहना पश्चिमी देशों का दोगलापन है, उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए

संयुक्त राष्ट्र में भारत की गैरहाजिरी पर पश्चिमी देशों ने न सिर्फ उसकी आलोचना की बल्कि अनैतिकता को लेकर ताने भी कसे. लेकिन ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से हम भारतीय नीति को सिर्फ इसी संदर्भ में नहीं आंक सकते. और जो ऐसा करते हैं, उन्हें खुद अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.

‘कश्मीर फाइल्स’ का एक मूल संदेश तो सही है लेकिन भावनाएं तभी शांत होती हैं जब इंसाफ मिलता है

‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को इस विवाद में उलझाना निंदनीय और दुखद है कि वास्तव में कितने कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी. एक भीषण हत्याकांड को हम मौतों के आंकड़े पर विवाद में उलझा रहे हैं

हिंदू वोट छीने बिना मोदी-शाह की भाजपा को नहीं हराया जा सकता

भाजपा को हराना है तो या तो आप उसे बड़ी संख्या में हिंदू वोटों से वंचित करें या एक ऐसा मजबूत क्षेत्रीय नेता और ऐसी पार्टी खड़ी करें जो अपना किला बचाने की कुव्वत रखता हो. और ऐसा करने के लिए तीसरा उपाय भी है.

क्या आप जानते हैं कि पोखरण 1 के समय बुद्ध क्यों मुस्कुराए थे, यदि नहीं तो यूक्रेन को देखिए

यूक्रेन ने 1994 के बुडापेस्ट समझौते के बाद अपने परमाणु हथियारों का भंडार छोड़ न दिया होता तो क्या आज जेलेंस्की के यूक्रेन को रूस के पुतिन इतनी आसानी से दबा पाते?  

मत-विमत

एक नया ‘इज़्म’ आ गया है, जो राइट, लेफ़्ट और सेंटर को मात दे रहा है

इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.

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राजनीति

देश

राजस्थान में उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं: मुख्यमंत्री शर्मा

जयपुर, 20 जनवरी (भाषा) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं तथा उद्योग एवं सेवा...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.