दुनिया इस तरह बदल चुकी है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, उन्होंने भी नहीं की होगी जो लोगों को आपस में लड़ाने के लिए उन्हें धर्म, संस्कृति, और सभ्यतागत अंतरों के आधार पर बांटते हैं.
भाजपा की विभाजनकारी राजनीति कर्नाटक की सामाजिक समरसता, सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी उद्यमशीलता के विकास के लिए एक खतरा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की गैरहाजिरी पर पश्चिमी देशों ने न सिर्फ उसकी आलोचना की बल्कि अनैतिकता को लेकर ताने भी कसे. लेकिन ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से हम भारतीय नीति को सिर्फ इसी संदर्भ में नहीं आंक सकते. और जो ऐसा करते हैं, उन्हें खुद अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.
‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को इस विवाद में उलझाना निंदनीय और दुखद है कि वास्तव में कितने कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी. एक भीषण हत्याकांड को हम मौतों के आंकड़े पर विवाद में उलझा रहे हैं
भाजपा को हराना है तो या तो आप उसे बड़ी संख्या में हिंदू वोटों से वंचित करें या एक ऐसा मजबूत क्षेत्रीय नेता और ऐसी पार्टी खड़ी करें जो अपना किला बचाने की कुव्वत रखता हो. और ऐसा करने के लिए तीसरा उपाय भी है.
यूक्रेन ने 1994 के बुडापेस्ट समझौते के बाद अपने परमाणु हथियारों का भंडार छोड़ न दिया होता तो क्या आज जेलेंस्की के यूक्रेन को रूस के पुतिन इतनी आसानी से दबा पाते?
पंजाब के सामने कई खतरे हैं. लगभग सारे खतरे आंतरिक हैं और अधिकतर के लिए खुद पंजाब के लोग जिम्मेदार हैं. जब तक वे अपने गिरेबान में नहीं झांकेंगे तब तक उनकी भावी पीढ़ियों को लगातार पतन की ओर बढ़ रही परिस्थितियों में जीना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवा नाराज हैं और योगी उन्हें जिन्ना और सरदार पटेल के बीच चुनने का जो विकल्प पेश कर रहे हैं वह उनसे ‘रोटी नहीं है तो केक खाओ’ कहने जैसा ही है.
मोदी राष्ट्रीय स्तर पर भले बेहद लोकप्रिय हों लेकिन अधिकतम राज्यों में चुनाव जीतने में उनकी अक्षमता,
राज्यों में उनके विरोधियों की भारी लोकप्रियता भारतीय राजनीति को एक शक्तिशाली संघीय ढांचे की ओर ले
जा रही है.