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Thursday, 21 November, 2024
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मेरी जां मुझे खबर है

90 के दशक में राम का विरोध आसान था, 2020 में कृष्ण जन्मभूमि अभियान यादवों के लिए सेक्युलर टेस्ट होगा

हिंदुओं ने मथुरा आंदोलन की शुरुआत के साथ मथुरा में एक कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना भी कर दी है. इसके हेड आचार्य देव मुरारी ने कहा है कि वे एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं.

सुशांत सिंह राजपूत और बिहारी परिवारों में ‘श्रवण कुमार’ जैसा बनने का बोझ

सुशांत की मौत के बाद भी परिवार स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि वो अवसाद से घिर भी सकता था, ये यही दर्शाता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परिवार कितने सचेत हैं.

डिप्टी सीएम होकर भी दुष्यंत चौटाला ने राजनीति में खुद को स्थापित किया है, क्या ये सब सचिन पायलट देख रहे हैं

दुष्यंत चौटाला ने राज्य में कुछ ही समय में जाटों के गुस्से को शांत किया और जनता के सामने एक सक्षम प्रशासक के रूप में तेजी से अपनी पहचान बनाई है.

विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद सोशल मीडिया पर झलकी ब्राह्मण होने की शान और दर्द

सोशल मीडिया पर कई ब्राह्मणों का आरोप है कि सीएम आदित्यनाथ ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा करते रहे हैं. वे ऐसे कई उदाहरणों को सूचीबद्ध कर रहे हैं जहां एक ब्राह्मण की हत्या कर दी गई थी.

दो भारतीय पिताओं की कहानी – एक जो जेल में बंद अपनी बेटी के साथ खड़ा है और दूसरा जो उसे धिक्कारता है

नताशा नारवाल को 'दिल्ली हिंसा और अमूल्य लीना को' हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहने की साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उनके पिताओं ने बेटी पर कैसी प्रतिक्रिया दी, आज भारत के बारे में बहुत कुछ बताता है.

टिकटॉक ने लाखों गरीब भारतीयों के जीवन को बदल दिया, वे न्यू इंडिया के एकलव्य बन गए थे

टिकटॉक ने भारतीयों के लिए आंकक्षाओं से भरे आसमान में एक छोटी सी खिड़की का काम किया.

मिलेनियल्स ने इंडिया शाइनिंग देखा है, वो 70 साल के नहीं बल्कि 30 साल के भारत पर मोदी को जज करेंगे

अधिकांश भारतीय मिलेनियल्स की राजनीतिक स्मृति अटल बिहारी वाजपेयी से शुरू होती है, जवाहरलाल नेहरू से नहीं. इसलिए, प्रधान मंत्रीनरेंद्र मोदी को पिछले 30 वर्षों के संदर्भ में आंका जाएगा, और निश्चित रूप से 70 वर्षों से फर्क नहीं पड़ने वाला.

कपिल मिश्रा से लेकर पायल रोहतगी तक भारत के ‘नए बुद्धिजीवी’ पुराने चिंतकों को अप्रसांगिक बना रहे हैं

क्या अरुंधति रॉय, रामचंद्र गुहा या फिर प्रताप भानु मेहता कभी लोगों को एक साल में इतना 'इतिहास और विज्ञान' पढ़ लेने और 'शिक्षित' करने के लिए प्रेरित कर सकते?

न्यू इंडिया के पास अपनी सभी समस्याओं का आसान सा हल है- मुसलमानों पर दोष मढ़ दो

मुस्लिम एंगल ये बात तो सुनिश्चित कर देता है कि मूक बने रहने वाले मंत्री रातोंरात सामाजिक कार्यकर्ता बन जाएं और बहुसंख्यकों को एक नया मुद्दा मिल जाए ताकि कट्टरता की खुराक में कोई कमी ना आने पाए.

यूपी और बिहार से कोविड के दौर में रिपोर्टिंग के वो 72 घंटे जहां हमने मृत्यु और जन्म दोनों देखे

जिस देश में अभी भी अखबारों से जच्चा-बच्चा की मौत की खबरें गायब नहीं हुईं हैं वहां हम रेखा को उनके हाल पर नही छोड़ सकते थे. उनके अस्पताल पहुंचने के बाद ही हम अपनी रिपोर्टिंग में व्यस्त हुए.

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अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण संयुक्त रूप से 2.45 लाख करोड़ रुपये घटा

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को सुबह के कारोबार में भारी गिरावट आई और इसकी...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.