नवदंपत्तियों को जिसमें छः जोड़े मुस्लिम और ईसाई समुदायों से भी थे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं बधाई दी. वहीं गायत्री परिवार के पण्डितों ने उन्हें भ्रूण हत्या के खिलाफ शपथ दिलाई.
हिंसा की शुरुआत रविवार को हुई जिसके बाद से ही लोगों का पूर्वोत्तर दिल्ली के इलाक़ों से पलायन जारी है. लोग अपने गांव या रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं. कई लोगों ने बातचीत में कहा कि जान सलामत रही तो मकान फिर बना लेंगे.
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने मौजूदा परिस्थिति में प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए वार्ताकारों की नियुक्ति के जरिए ढर्रे से हटकर समाधान निकालने का प्रयास किया.
सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मांडर की याचिका पर न्यायमूर्ति मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह कर रहे थे. कोर्ट ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की कथित भड़काने वाली वीडियो भी देखी.
न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ ने दिल्ली हिंसा पर कहा कि पुलिस ने पेशेवर रवैया नहीं अपनाया. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर उकसाने वाले लोगों को पुलिस बच कर निकलने नहीं देती तो यह सब नहीं होता.
कुल 16 विमानों में से स्पाइस 2000 जेट और क्रिस्टल मेजे मिसाइलों से लैस छह ने पीओके में उड़ान भरी और बालाकोट के आतंकी शिविर पर हमला किया, जबकि 4 बैक-अप के रूप में भारतीय क्षेत्र में बने रहे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक ने कहा कि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए उन्होंने यह कदम एहतियातन उठाया है. उन्होंने माना कि उनका विरोध प्रदर्शन आगे और हिंसा को जन्म दे सकता है, इसलिए उन्होंने इसे रोकने का निर्णय लिया.