आईआईएम के पूर्व छात्र नित्यानंद मिश्रा ने आईआईसी ( इंडिया इंटरनेशनल सेंटर) में बोलते हुए कहा हिंदी और उर्दू अलग-अलग भाषा हैं और उसको उसी लहजे में बोला जाना चाहिए.
भारत ने कहा कि आधे-अधूरे कदम उठाकर पाकिस्तान सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंक रहा है. हम पाकिस्तान के साथ आतंक मुक्त माहौल में सामान्य संबंध बनाना चाहते हैं.
जो लोग शिकायत करते हैं कि हमारी नगरपालिकाएं कुत्तों को ठीक से आश्रय नहीं दे पा रहीं, वे शरणार्थियों और राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को दिए जा रहे बदहाल आश्रयों पर क्यों चिंता नहीं करते?