scorecardresearch
बुधवार, 4 जून, 2025
होमदेश

देश

प्रियंका गांधी के रोड शो में उमड़ी भीड़ क्या वोटों में तब्दील हो पाएगी

रोड शो में जुटी भीड़ ने बसपा और सपा के मन में हलचल पैदा कर दी है, लेकिन सवाल यही है कि क्या यह भीड़ वोटों में भी तब्दील हो पाएगी.

जनसंघ का वो नेता जिसकी थ्योरी बदल मोदी बन गए नंबर वन

दीनदयाल उपाध्याय के 'एकात्म मानववाद' विचार पर चलने का दावा करने वाली बीजेपी उनके विचारों के भाव को आत्मसात करने की जगह उसके शाब्दिक अर्थ पर चल रही है.

चंद्रबाबू को समर्थन देने धरनास्थल पहुंचे राहुल गांधी, कहा-राफेल मामले में झूठ बोले पीएम

चंद्रबाबू नायडू राज्य को विशेष दर्जा दिलाने, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग के साथ हड़ताल कर रहे हैं.

अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को एनजीएमए कार्यक्रम में बोलने से रोका गया

संध्या गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि अभी चुनावी माहौल है या नहीं यह मायने नहीं रखता, लेकिन एक बात तय है कि देश और समाज में असहिष्णुता है.

स्वास्थ्य का अधिकार के लिए देश की जनता करे कितना और इंतज़ार

देश में शिक्षा का अधिकार कानून और सूचना का अधिकार कानून तो है लेकिन स्वास्थय का अधिकार कानून अभी भी क्रियान्वित नहीं हो सका है.

मशहूर हस्ती होने के नाते जिम्मेदारी की भावना जरूरी : अनुपम खेर

अनुपम ने शनिवार को ट्विटर पर अपने प्रशंसकों से बात की और उनके सवालों के जवाब दिए.

लखनऊ: मायावती पर 59 करोड़ का संकट, सपा ने साधी चुप्पी

चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने अपनी प्रतिमाओं पर 3.49 करोड़ रुपये, अपने गुरु कांशीराम की प्रतिमाओं पर 3.77 करोड़ रुपये और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों पर 52.02 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

लखनऊ: अगले 96 घंटों में प्रियंका यूपी कांग्रेस में क्या बदलने जा रही हैं?

11 फरवरी को लखनऊ में भव्य स्वागत व रोड शो के बाद 12 से 14 फरवरी तक प्रियंका गांधी पूर्वी यूपी के नेताओं के साथ मैराथन बैठक करेंगी.

जंतर मंतर से रसोइयों की आवाज़ : ‘नून रोटी खांएगे, भाजपा को हराएंगे’

हम इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से बता देना चाहते हैं कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो एक भी रसोइये का वोट भाजपा को नहीं मिलेगा.

गरीब किसान की तीन बेटियां भूख हड़ताल पर, महाराष्ट्र पुलिस ने जबरन हटाया

तड़के तीन बजे पुलिस की टीम ने आंदोलन के लिए लगाए गए शामियाने, बैनर और पोस्टरों को उखाड़ फेंका, क्योंकि स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि वे अवैध रूप से लगाए गए हैं.

मत-विमत

ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी की जीत थी, लेकिन उनकी पार्टी के नेता ही इसे कमज़ोर बना रहे हैं

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने फिर से अपनी ताकत दिखा दी है, लेकिन एक बात का अफसोस उन्हें जरूर होगा – उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को हमारी सेना का अपमान करने दिया. क्या राजनीति इतनी ज़रूरी थी?

वीडियो

राजनीति

देश

तेलंगाना: इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ में एक मरीज की मौत, 70 को डायरिया की शिकायत

हैदराबाद, तीन जून (भाषा) तेलंगाना सरकार के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ’ (आईएमएच) में मंगलवार को एक मरीज की मौत हो गई तथा लगभग...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.