पायल की मां दिप्रिंट को बताती हैं, शाम साढे़ 4 बजे वो फोन करके फूट-फूटकर रो पड़ी. मैंने उसे कहा कि हम जल्दी ही मिलने आएंगे लेकिन साढ़े 7 बजे तक वो खुद को खत्म कर चुकी थी.'
सूरत की एक ईमारत में भीषण आग लग गई. इस दौरान ईमारत में चल रहे कोचिंग संस्थान में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे आग की वजह से वह जान बचाने भागे जिसमें 15 छात्रों की मौत हो गई .
भारत आज दुनिया में जिस बेहतर हैसियत में है वैसी स्थिति में वह शीतयुद्ध के बाद के दौर में कभी नहीं रहा. हमें तय करना पड़ेगा कि विश्व जनमत को हम महत्वपूर्ण मानते हैं या नहीं. अगर मानते हैं तो हमें उनकी मीडिया, थिंक टैंक, सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाना चाहिए.
नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा रहे तीन अन्य अंतरिक्ष...