scorecardresearch
Thursday, 28 March, 2024
होमदेशसूरत हादसा: छात्र झुलसते रहे, चिल्लाते रहे लोग वीडियो बनाते रहे

सूरत हादसा: छात्र झुलसते रहे, चिल्लाते रहे लोग वीडियो बनाते रहे

केतन चोरवाडिया ने कहा कि आग लगने के बाद ऊपर मौजूद लोग अपनी जान बचाने के लिए कूद रहे थे. इस दौरान एक लड़की ऊपर से कूदी तो मैं देख नहीं पाया..

Text Size:

नई दिल्ली: और देखते देखते 20 छात्र आग में झुलस गए..काश.. पहले उसे कुछ समझ नहीं आया कि वह क्या करे लेकिन जब उसने 14 से 17 साल के बच्चों को चौथे तले से जान बचाने के लिए कूदते देखा तो वह विचलित हो गया. वह आनन-फानन में आग की लपटों में घिरे बच्चों को बचाने के लिए भाग. उसने आस-पास सीढी देखी तो पाइप से चढ़ने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं रहा वह फिर नीचे आया और तब उसे सीढ़ी मिली…वह चढ़ गया ईमारत में उन बच्चों को बचाने.

बच्चों ने सोचा नीचे खड़े लोग हमें बचा लेंगे- और उन्होंने छलांग लगा दी

अगर समय पर सीढ़ी मिली होती और मदद के लिए और लोग आगे आए होते तो वह कई बच्चों को बचा पाता. खून से लथपथ कमीज में केतन बहुत निराश दिख रहे थे. केतन बता रहे हैं कि उसने हर संभव कोशिश की कि बच्चे बच जाएं और वह ईमारत के आगे-पीछे भागता रहा. केतन चोरवाडिया ने कहा कि जब बच्चे ऊपर से कूदे तो उन्हें लगा होगा कि नीचे खड़े लोग हमें बचा लेंगे लेकिन सभी बच्चों की जिंदगी से ज्यादा वीडियो बनाने में लगे थे.

सीढ़ी मिली होती तो और बच्चे बचा पाता

केतन समाचार एजेंसी को बताते हैं कि वहां बहुत धुआं था, मुझे नहीं पता था कि वहां क्या करूं, मैंने सीढ़ी ली और बच्चों को पहले वहां से बाहर निकाला. मैंने वहां से 8-10 लोगों को बचाया और इसके बाद और दो को बचाया. अगर और लोग आगे आते तो कई बच्चों की जान बच सकती थी लेकिन मैंने पूरी कोशिश की कि कुछ बच्चों की जान बचाई जा सके. केतन ने बताया कि फायर ब्रिगेड पहुंचने में 40-45 मिनट की देरी हो गई, अगर वो वक्त पर आती तो और जानें बचती.

शुक्रवार शाम सूरत के तक्षशिला आर्केड में लगी आग में मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा होती अगर केतन वहां मौजूद ना होते. दरअसल, जब आग लगी तब केतन ने अपनी जान जोखिम में डालकर कईं बच्चों की जान बचाई. केतन ने बताया कि उन्होंने आग देखकर लोगों को बचाने की कोशिश की और 10 से ज्यादा की जान बचाई.

केतन चोरवाडिया ने कहा कि आग लगने के बाद ऊपर मौजूद लोग अपनी जान बचाने के लिए कूद रहे थे. इस दौरान एक लड़की ऊपर से कूदी तो मैं देख नहीं पाया और मैंने तुरंत सीढ़ियों की तलाश शुरू कर दी और लोगों को बचाना शुरू कर दिया. लेकिन वहां सीढ़ी नहीं थी तो मैं फिर ऊपर से नीचे आया और नीचे से एक सीढ़ी लेकर वापस गया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

तीन लड़कियों ने पास की परीक्षा आज ही आए परिणाम

इस हादसे में मारे जाने वालों में लड़कियों की संख्या अधिक थी, इनमें तीन लड़कियां ऐसी थीं जिन्होंने इसी साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी और आज ही उनका परिणाम भी आने वाले थे..अब खबर आ रही है कि ये तीनों बच्चियां अब अपना परिणाम देखने के लिए दुनिया में मौजूद नहीं हैं इन तीनों ने अच्छे अंक हांसिल किया है.

अधिकारियों ने कहा कि सूरत में शुक्रवार को लगी भीषण आग में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 20 हो गई. वहीं, अस्पताल में सात छात्र जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. घायल छात्रों में से दो वेंटिलेटर पर हैं और पांच को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है. चार अन्य की हालत स्थिर बताई गई है. अधिकारियों ने बताया कि आग ग्राउंड फ्लोर से बढ़ती हुई शीर्ष मंजिल तक जा पहुंची. दूसरी कक्षा में बैठे कुछ छात्र आग से बचने के लिए छत पर चढ़ गए लेकिन इसके बाद उन्होंने खुद को वहां फंसा हुआ पाया.

समाचार एजेंसी एनएनआई के मुताबिक जब ईमारत में आग फैली तो कोचिंग का मालिक खुद को बचाने के लिए पहले ही ईमारत से भाग निकला. वैसे पुलिस ने मालिक सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

चार-मंजिला इमारत के शीर्ष तल पर एक कला कोचिंग सेंटर में आग लगने से मारे गए अधिकांश छात्र 14 से 17 वर्ष की आयु के थे. जिनमें से कुछ विद्यार्थियों का शनिवार को कक्षा 12वीं का परिणाम आने वाला था.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने पर तक्षशिला आर्केड बिल्डिंग में लगभग 50 छात्र रहे होंगे. इस मामले में खुद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर परिवार वालों के साथ संवेदना व्यक्त की है जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी ने मरने वालों के परिवार को 4-4 लाख रुपये दिए जाने की बात कही है.

share & View comments