सोमवार को बाहर से भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रहा. हनुमान गढ़ी मंदिर में आम दिनों की तरह पूजा अर्चना की गई. कनक भवन में भी श्रद्धालुओं ने पूजन किया.
शनिवार को सदी पुराने विवाद पर फैसला देने के बाद ही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, अगले प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई.
अदालत ने यह बात मान ली कि 1949 में मस्जिद में मूर्तियां रखना गैर कानूनी है. अदालत ने यह भी कहा है कि 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद गिराना भी कानून के खिलाफ था और कानून के शासन पर हमला था.
फारुकी ने कहा कि अगर बोर्ड की बैठक में मस्जिद के लिए जमीन लेने का फैसला किया गया तो उस जमीन के आसपास की जरूरतों के हिसाब से निर्माण संबंधी कदम उठाए जाएंगे.
शशि थरूर का कांग्रेस की समस्याओं को लेकर किया गया विश्लेषण, आकलन और समाधान तीनों बिल्कुल सही थे, लेकिन कांग्रेस कार्य समिति में राहुल गांधी और उनके करीबी लोग इससे काफी असहज नज़र आए.