पूर्व न्यायाधीश एफ एम इब्राहिम कलीफुल्ला के नेतृत्व में मध्यस्थों के एक पैनल को नियुक्त किया. श्री श्री रविशंकर, और श्रीराम पंचू भी इस पैनल में शामिल होंगे.
औरतों ने पहले फेसबुक पर आना शुरू किया, फिर इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर और अब टिक टॉक पर तो वो बूढ़ी दादियां भी आ गई हैं जो इंटरनेट को उंटरनेट या ‘मुझे नहीं पता क्या होता है’ कहती थीं.
10 दिसंबर 1998 को, हाजीपुर के तत्कालीन सांसद लोकसभा में कहा था, 'अगर हम 'अल्पसंख्यक' शब्द की सही व्याख्या करना सीख लें, तो हममें यह भावना विकसित हो जाएगी कि हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका खून भी हमारे ही जैसा है.'