आरएसएस के नेताओं का कहना है कि प्रथागत कानूनों का सम्मान किया जाना चाहिए और सर्वप्रथम अनुचित प्रथाओं को खत्म किया जाना चाहिए. दरअसल संघ को आदिवासी समुदायों के मामले में दुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके निजी कानूनों को छोड़ना नहीं चाहते हैं.
नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) शीर्ष बाल अधिकार संस्थान एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘‘सार्वजनिक...
मेरा आकलन यह है कि भारतीय सेना उभरती टेक्नोलॉजी को पूर्ण परिवर्तन की खातिर नहीं बल्कि चरणबद्ध बदलाव के लिए अपना रही है, जबकि पूर्ण परिवर्तन वक़्त की मांग है