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Thursday, 25 April, 2024
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रेपो रेट बढ़ाने के फैसले से औंधे मुंह गिरा बाजार, निवेशकों के डूब गए 6.27 लाख करोड़ रुपये

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में वृद्धि के फैसले के बाद बुधवार को घरेलू शेयर बाजार औंधे मुंह लुढ़क गए.

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अपने एक संबोधन में यह घोषणा की है.

दास ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए रेपो रेट में इजाफा किया जा रहा है.

आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने से बैंको और आम जनता को कर्ज लेना महंगा हो जाएगा.

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अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से ठीक पहले
उठाया कदम

रिजर्व बैंक की तरफ से यह कदम अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से ठीक पहले उठाया गया है.

भू-राजनीतिक तनाव के कारण ऊंची कीमतों से मुकाबला करने के लिए विश्लेषकों को अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से भी इसी तरह के कदम की उम्मीद है.

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,306.96 यानी 2.29 प्रतिशत लुढ़क कर पिछले दो महीने के निचले स्तर 55,669.03 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह एक समय 1,474.39 अंक तक नीचे चला गया था. सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 391.50 अंक यानी 2.29 प्रतिशत टूटकर 16,677.60 अंक पर बंद हुआ.

बाजारों में गिरावट के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियां का बाजार पूंजीकरण 6.27 लाख करोड़ रुपये घटकर 2,59,60,852.44 करोड़ रुपये पर आ गया.

सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस के शेयर में सबसे अधिक 4.29 प्रतिशत की गिरावट हुई. टाइटन, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के शेयर भी नुकसान में रहे.

वहीं दूसरी तरफ पावरग्रिड, एनटीपीसी और कोटक महिंद्रा बैंक लाभ में रहे.

रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत करने का निर्णय किया. मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है. खुदरा महंगाई दर पिछले तीन महीने से लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तय कार्यक्रम के बिना हुई की बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया. दूसरी तरफ उदार रुख को भी कायम रखा गया है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार के विजयकुमार ने कहा, ‘बिना पूर्व कार्यक्रम के एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.40 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि ‘चौंकाने’ वाली है, क्योंकि यह कदम उस दिन उठाया गया, जब जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) खुला है.’

जूलियस बेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं वरिष्ठ सलाहकार उन्मेश कुलकर्णी ने कहा कि आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति का अनुमान को कम लगाने की चिंता के बीच एमपीसी ने यह कदम उठाया है.

इसके अलावा बीएसई का मिडकैप 2.63 तथा स्मॉलकैप 2.11 प्रतिशत फिसल गया.

अमेरिका के केंद्रीय बैंक की बैठक से पहले वैश्विक बाजार ‘देखो और प्रतीक्षा’ करो की नीति अपना रहे हैं.

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा.

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.12 प्रतिशत उछलकर 108.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,853.46 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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