उल्लेखनीय है कि गहलोत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एनसीआरबी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल, 2021 में देश में बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए और इनकी संख्या पूर्व वर्ष (2020) की तुलना में 19 प्रतिशत से अधिक बढ़ी.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.