अध्ययन जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित हुआ है. इसमें बताया गया है कि सुपरएजर्स में शुरुआती चरण के अल्जाइमर पीड़ितों और 20 से 30 साल छोटे व्यक्तियों की तुलना में बड़े न्यूरॉन्स होते हैं.
भारत के शोधकर्ताओं सहित एक अंतरराष्ट्रीय दल ने ‘स्ट्रोक’ से जुड़े 61 नये आनुवंशिक क्षेत्रों की पहचान की है जो दुनिया भर में मौत के दूसरे प्रमुख कारण को रोकने या उसका इलाज करने के लिए संभावित दवाओं के निशाने पर हैं.
एम्स, दिल्ली में पेडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर, श्रीनिवास हैदराबाद ईएसआईसी में डेप्यूटेशन पर थे, जिसे उन्होंने 'कंक्रीट की दीवारों' से एक व्यस्त अस्पताल में बदल दिया.
अध्ययन के मुताबिक, मौजूदा कोविड टीके वायरस 'खोस्ता -2' पर बेअसर हैं, लेकिन इसमें एक बीमारी के रूप में विकसित होने के लिए जरूरी माने जाने वाले जीन की कमी है. ये स्टडी हाल ही में 'PLOS पैथोजन' पत्रिका में प्रकाशित की गई है.
फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने फाइन पार्टिकुलेट मैटर 2.5 पर अध्ययन किया था. शोध से जुड़े नतीजों को यूरोपियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल ऑन्कोलॉजी कांग्रेस ने साझा किया था. द लैंसेट ऑन्कोलॉजी में इसे लेकर एक लेख प्रकाशित किया गया है.
भारत में एंटासिड रैनिटिडिन अभी भी चलन में हैं जिसे रैनटेक और जैनटैक के नाम से जाना जाता है. जबकि कई देश 2020 में ही इसकी बिक्री रोक चुके हैं क्योंकि इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा रहता है.
तंत्रिका विज्ञान क्षेत्र में मिली सफलताओं ने अब यह स्थापित का दिया है कि पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए हेडर उनके के लिए बार-बार सबएक्यूट हेड इंजरी का कारण बन सकते हैं, जिससे उन्हें लंबे समय में न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग हो सकते हैं.
मस्तिष्क की गंभीर और दुर्लभ समस्याओं के अलावा, मंकीपॉक्स वाले लोगों के एक व्यापक समूह में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान सहित अधिक सामान्य तंत्रिका संबंधी लक्षण पाए गए थे.
कॉर्पोरेट वालों की मलामत करना आसान है. लेकिन अपने उद्यमियों, संपदा और रोजगार पैदा करने वालों को प्यार और सम्मान न देने वाला समाज निम्न-मध्यवर्गीय आय के खांचे में ही अटके रहने को अभिशप्त होता है.