सुमन ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे जीतते हैं या हारते हैं या नहीं, या फिर वह विधानसभा या संसद में बैठते हैं या नहीं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पास कोई आधिकारिक पद है या नहीं. वे हमारे साथ खड़े हैं, वे हमारी बात सुनते हैं.’
यूपीएससी एस्पिरेशन की कहानी सिर्फ 24×7 पढ़ाई के बारे में नहीं है. यह हर रोज़मर्रा के वित्तीय तनाव, पैसे की तंगी और माता-पिता के कर्ज के लिए भारी अपराधबोध के बारे में है. तीन एस्पिरेंट्स की मौत ने इस निराशा को और गहरा कर दिया है.
अभी एक हफ्ते पहले ही, मैन्स की परीक्षा देने जा रहे एक एस्पिरेंट की बिजली का झटका लगने से मौत हो गई थी और मुखर्जी नगर और ओल्ड राजिंदर नगर में पिछले साल से कम से कम तीन आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
आठ साल पुरानी कानूनी लड़ाई ने ऐसे उम्मीदवारों को थका दिया है. कई लोगों को इन सालों में रिश्तेदारों और समाज को अपने सिलेक्शन नहीं होने के बारे में समझाने में मुश्किल हुई है.
एक बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले ने मज़दूर को इस खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करने पर मज़बूर कर दिया, जिसके कारण पिछले 5 सालों में कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में 14 महिला जिला मजिस्ट्रेट हैं, जिनमें बहराइच सबसे ऊपर है, क्योंकि यहां पूरी तरह से महिला प्रशासन है. इनमें से कई महिलाएं पिंक ऑटो चलाने से लेकर फीडिंग रूम तक महिला केंद्रित उपाय कर रही हैं.
युवा भारतीयों की एक बढ़ती हुई ब्रिगेड निजी सिक्योरिटी गार्ड के रूप में एक स्थिर वेतन के लिए सेना और सरकारी नौकरी के सपने देख रही है. कई लोगों के लिए, यह स्विगी, ज़ोमैटो, अमेज़न के लिए काम करने से बेहतर है.
शायरा बानो के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कि मुस्लिम महिलाओं को सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुज़ारा भत्ता मांगने की अनुमति देना ‘ऐतिहासिक’ और ‘नई शुरुआत’ है.
वकील प्रिया हिंगोरानी ने दिप्रिंट को बताया, हालांकि, इस फैसले का मेहर पर कोई असर नहीं होना चाहिए, लेकिन हम देख सकते हैं कि यह राशि कम हो जाएगी या शून्य हो जाएगी.
परमीना खामोशी के घेरे में चली गई हैं, जबकि साजिदा को अपनी आवाज़ मिल गई है. उन्होंने अब एक दुकान खोल ली है और हिंदू गौरक्षकों की पीड़िताओं के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं.
एक बात तो साफ है — हर राजनीतिक दल महिला सशक्तिकरण का तमगा पहनना चाहता है. सिवाय इसके कि सत्ता में एक महिला का होना अपने AAP में महिला-समर्थक नीतियों का मतलब नहीं है.
पीएम ने राज्य के औद्योगिक विस्तार पर भी प्रकाश डाला और कहा, ‘मध्य प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं. पीथमपुर, रतलाम और देवास में हज़ारों एकड़ में फैले निवेश क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं.’