बरसाश्री बुरागोहेन को अपनी फेसबुक पोएम के कारण गिरफ्तार किया गया था जो कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई की प्रशंसा करने वाली मानी गई. गणित की प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाली बरसाश्री घर लौटने के बाद अभी पूरी तरह संभल नहीं पाई है.
दलित कॉमेडियन अंकुर तंगाडे कहते हैं, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कॉमेडियन किसी और जाति का है या फिर दलित. चुटकुले सभी के लिए हैं. हमारा ध्यान सिर्फ लोगों को हंसाने पर है.’ तंगाडे महाराष्ट्र के बीड में थिएटर के छात्र भी हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि इस हादसे में मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और सभी घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे. लेकिन दिल्ली श्रम विभाग ने अभी तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं की है.
जैसे-जैसे मुंबई भारत के आर्थिक केंद्र के रूप में उभरती गई, वैसे-वैसे स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को भुला सा दिया गया. एक नया अगस्त क्रांति मैदान अब इसके इतिहास को फिर से जीवंत बनाएगा.
372 सुनवाई, 109 गवाह और 15 से अधिक न्यायाधीशों ने की सुनवाई, शाहिद आजमी की हत्या का मुकदमा उन्हीं न्यायिक दांवपेंचों में उलझा है, जिन्हें सुलझाने में उन्हें महारत हासिल थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान एक स्ट्रिंगर की मौत ने यह बात उजागर कर दी कि देश के छोटे शहरों के पत्रकारों को कितना कम पैसा और कितनी कम पहचान मिलती है जबकि, वे तमाम तरह के जोखिम उठाने में पीछे नहीं रहते.
पायल कपाडिया की ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ को कांस में सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है. 2017 में उनकी लघु फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’, समारोह में भारत की एक मात्र अधिकारिक एंट्री थी.
उंझा का APMC एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाज़ार है, और इस कारोबार में पटेलों का दबदबा है. सुविधाओं और जल्द भुगतान की वजह से, किसान अपनी उपज यहीं बेंचना पसंद करते हैं.