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Tuesday, 1 April, 2025
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‘3 बार खाना, 2 कप चाय’ – मंडपम कैंप में शरण पाने के लिए एक बार फिर सागर लांघ कर आने लगे हैं श्रीलंकाई...

श्रीलंकाई गृहयुद्ध की वजह से विस्थापित शरणार्थियों के लिए बने तमिलनाडु के इस पुराने कैंप में श्रीलंकाई आर्थिक संकट के बाद नए शरणार्थी आने लगे हैं.

‘ULFA’ पर कविता के लिए 64 दिन जेल में रहकर घर लौटी असम की किशोरी, कोई चार्जशीट नहीं, कर्ज में परिवार

बरसाश्री बुरागोहेन को अपनी फेसबुक पोएम के कारण गिरफ्तार किया गया था जो कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई की प्रशंसा करने वाली मानी गई. गणित की प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाली बरसाश्री घर लौटने के बाद अभी पूरी तरह संभल नहीं पाई है.

कॉमेडी की दुनिया में कैसे पहचान बना रहे भारत के दलित कॉमिडियन

दलित कॉमेडियन अंकुर तंगाडे कहते हैं, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कॉमेडियन किसी और जाति का है या फिर दलित. चुटकुले सभी के लिए हैं. हमारा ध्यान सिर्फ लोगों को हंसाने पर है.’ तंगाडे महाराष्ट्र के बीड में थिएटर के छात्र भी हैं.

मुंडका अग्निकांड में किसे मुआवजा मिलेगा, किसे नहीं : ‘प्रूफ राज’ से लड़ रहे हैं पीड़ितों के परिवार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि इस हादसे में मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और सभी घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे. लेकिन दिल्ली श्रम विभाग ने अभी तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं की है.

भारत छोड़ो आंदोलन की जन्मभूमि रहा ‘अगस्त क्रांति मैदान’, जिसका अब इसका कायाकल्प किया जा रहा है

जैसे-जैसे मुंबई भारत के आर्थिक केंद्र के रूप में उभरती गई, वैसे-वैसे स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को भुला सा दिया गया. एक नया अगस्त क्रांति मैदान अब इसके इतिहास को फिर से जीवंत बनाएगा.

इवोल्यूशन की प्रयोगशाला बने ऑरोविले में रहने वालों के बीच आखिर क्यों बढ़ता जा रहा है मतभेद

ऑरोविले में रहने वालों के रिश्तों में खटास आ रही है जिससे ‘मानव एकता’ के उच्च आदर्श स्थापित करने का विचार खतरे में पड़ गया है.

गलत तरीके से फंसे आरोपियों की लड़ाई लड़ने वाले शाहिद को खुद की हत्या के मामले में कोर्ट से मिली निराशा

372 सुनवाई, 109 गवाह और 15 से अधिक न्यायाधीशों ने की सुनवाई, शाहिद आजमी की हत्या का मुकदमा उन्हीं न्यायिक दांवपेंचों में उलझा है, जिन्हें सुलझाने में उन्हें महारत हासिल थी.

शौक, टशन, लगाव— कैसे देश के छोटे शहरों के स्ट्रिंगर खतरा मोल लेकर भी पत्रकारिता कर रहे हैं

लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान एक स्ट्रिंगर की मौत ने यह बात उजागर कर दी कि देश के छोटे शहरों के पत्रकारों को कितना कम पैसा और कितनी कम पहचान मिलती है जबकि, वे तमाम तरह के जोखिम उठाने में पीछे नहीं रहते.

2015 में FTII में हुई थी अनुशासनिक कार्रवाई और FIR. अब पायल कपाडिया हैं कांस विजेता

पायल कपाडिया की ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ को कांस में सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है. 2017 में उनकी लघु फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’, समारोह में भारत की एक मात्र अधिकारिक एंट्री थी.

चमकीले रत्नों से नहीं, ज़ीरे के कारोबार से लाखों रुपए कमाते हैं गुजरात के ये पटेल

उंझा का APMC एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाज़ार है, और इस कारोबार में पटेलों का दबदबा है. सुविधाओं और जल्द भुगतान की वजह से, किसान अपनी उपज यहीं बेंचना पसंद करते हैं.

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श्रमिकों को टक्कर मारने वाली कार चालक को मिली जमानत

नोएडा (उप्र), 31 मार्च (भाषा) नोएडा में सेक्टर 126 थाना क्षेत्र में पुलिस ने सेक्टर-94 स्थित चरखा गोलचक्कर के पास रविवार को श्रमिकों को...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.