जुलाई में बांग्लादेश में हिंसा भड़की थी. बीएनपी चुनाव जीतने के लिए सड़कों पर उतर आई थी. यह चुनाव के बाद हुई उस हिंसा की याद दिलाता है जब वह 2001 में जीती थी.
पेंगुइन एक विशेष तापमान वाले बाड़े में रहते हैं. पेंगुइन के बाड़े को रेतीला और चट्टानी क्षेत्र वाला बनाया जाता है. साथ ही उसके लिए विशेष विश्राम की जगह, एक जलकुंड और घोंसला अलग से बनाया जाता है.
मुख्यमंत्री भाजपा पर पलटवार कर रहे हैं, जो उनकी सरकार पर 'रेवड़ी संस्कृति' का आरोप लगाती है और जोर देकर कहती है कि वे मुफ्त नहीं बांट रहे बल्कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट कर रहे हैं.
जादवपुर विश्वविद्यालय में न केवल कक्षाओं में बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल में यह चर्चा तेज़ हो गई है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने छात्र की मौत को 'जघन्य अपराध' बताया है.
टैगबिन टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा डिजाइन किया गया यह शो तमिलनाडु के ओडंथुराई गांव से लेकर मेघालय के कोंगथोंग तक की सफलता और सशक्त कहानियों को पेश करता है.
दिल्ली थिएटर फेस्टिवल, महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स और भारत रंग महोत्सव जैसे कार्यक्रम राजधानी के थिएटर प्रेमियों के लिए सांस्कृतिक उत्सव से कम नहीं हैं.
13 अगस्त 1980 को मुस्लिम नमाजियों पर यूपी पुलिस की अंधाधुंध फायरिंग में सैकड़ों लोग मारे गये. सीएम आदित्यनाथ पुलिस को क्लीन चिट देने वाली जस्टिस एमपी सक्सेना रिपोर्ट को सार्वजनिक कर रहे हैं.
आज़ादी को 76 बरस हो गए हैं...तो वहीं, अपने वतन, आंगन को छोड़कर आए लोगों में से कुछ के मन में आज भी अपने मूल घरों को देखने की एक आस बची है...तो कुछ उस मंज़र को याद भी नहीं करना चाहते.
विशाखापत्तनम और हैदराबाद में सैकड़ों उबर सुरक्षा एजेंट पूरे भारत में सवारियों और ड्राइवरों की बात सुनकर उनकी शिकायतों, विवादों और आपात स्थितियों से निपटने में चौबीसों घंटे उनकी मदद कर रहे हैं.
हिंसा में मारे गए लोगों में दो होम गार्ड, दो बजरंग दल के सदस्य और एक हलवाई शामिल थे. परिवार अभी भी सदमे में हैं और अपने परिवार के सदस्य को खोने के दुख से उबरने की कोशिश कर रहे हैं.
जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों के लिए ‘एमएसपी’ की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन 2020-21 में नए कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की छाया मात्र है क्योंकि एमएसपी आज पहले की तरह प्रमुख मुद्दा नहीं रह गया है.