पार्टी ने 52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है. उनके मुताबिक 189 उम्मीदवारों की सूची में 32 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं जबकि 30 अनुसूचित जाति और 16 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं.
2018 में कांग्रेस ने पांच हज़ार मतों के अंतर से 30 में से 18 सीटें जीतीं. वहीं, बीजेपी ने 8 और जेडी (एस) ने 3 सीटें जीतीं थीं. छोटे दलों की एंट्री और लिंगायत फैक्टर भी यहां हार-जीत में भूमिका तय कर सकते हैं.
AIMIM फिलहाल SDPI, KRPP, AAP जैसे कई अन्य छोटे दलों के उस गुट में शामिल होती दिखाई दे रही है, जिन्होंने इस बार चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस विधायक ने माना कि छोटी पार्टियां तकरीबन 50 सीटों पर वोटों को बंटवा सकती हैं.
ये पाखंडी लोग हास्य को बदनाम करते हैं, लेकिन किसी भी भारतीय नागरिक को किसी मजाक के लिए राज्य का पूरा भार अपने खिलाफ इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, चाहे वह कितना भी घटिया क्यों न हो.
नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) इंडियन मुस्लिम फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (आईएमएसडी) ने दक्षिण अफ्रीकी इमाम मुहसिन हेंड्रिक्स की हत्या की निंदा की है जिन्हें...