शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि 7-8 लाख भारतीय छात्र हर साल उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन अगर उन्हें वहां जो मिलता है यहां मिले तो वे वापस आ जाएंगे.
ऐसी मांग उठाने वालों में देश की राजधानी स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और (आईआईएमसी) जैसे सरकारी संस्थान शामिल हैं.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सभी तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए ये ज़रूर है कि शिक्षा को प्रत्येक बच्चे का मूल अधिकार माना जाना चाहिए.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसमें ध्यान रख गया है कि छात्र ग्लोबल स्टूडेंट तो बने लेकिन अपने जड़ से जुड़े रहें. इस दौरान उन्होंने 'जड़ से जग तक' का मंत्र दिया.
इस विषय में दिप्रिंट ने एम. फिल से जुड़े कई छात्रों से बात की और सबने इसे समाप्त किए जाने को लेकर नाकारात्मक राय दी. हालांकि, इस पर शिक्षा मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के अपने तर्क हैं.
स्कूलों के नई शिक्षा नीति को लागू करने का कोई तरीका समझने से पहले ही अभिभावकों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, जबकि विशेषज्ञ इस बात पर बंटे हैं कि यह कदम फायदेमंद है या नहीं.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री के मुताबिक नई नीति सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने की बात से भागती है और प्राइवेट स्कूल को बढ़ावा देती नज़र आती है. उन्होंने कहा, 'पॉलिसी में 'प्राइवेट फिलेंथ्रोपिक शिक्षा' को बढ़ावा देने की बात है.'
नई शिक्षा नीति के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने का प्रस्ताव है जिससे बच्चों पर एक साल की पढ़ाई के बाद सीधे एक परीक्षा में जाने का भार कम हो सके.
दशकों से भारतीय रक्षा उद्योग ‘देसी’ कलपुर्ज़े ही देता रहा है. इनमें से ज़्यादातर में बस आयातित पुर्जों की एसेंबलिंग की जाती है और आयात पर गहरी निर्भरता के ऊपर परदा डाल दिया जाता है.
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (भाषा) पंजाब और हरियाणा में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र)...