‘अनलॉक-5’ के दिशा-निर्देशों में गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का निर्णय करने के लिए अलग-अलग राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर छोड़ दिया है.
नई शिक्षा नीति का लक्ष्य रट्टा मार पढ़ाई के बजाए भारतीय शिक्षा व्यवस्था को समग्र और स्किल आधारित शिक्षा की ओर ले जाना है. नीति को कब लागू किए जाने को लेकर शिक्षा मंत्री बोले, 'तमाम हितधारकों के साथ चर्चा करते हुए इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है.'
बीते सभी गाइडलाइंस की ही तरह इसमें भी ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग को बढ़ावा देने की बात कही गई है. ये भी कहा गया है कि स्कूल खुलने के बावजूद अगर छात्र ऑनलाइन क्लास को प्रथामिकता देते हैं तो उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए.
‘गाइडेंस डॉक्युमेंट- गुड अकैडेमिक रिसर्च प्रेक्टिसेज़’, शीर्षक नाम के इस दस्तावेज़ में, यूजीसी ने ये सुझाव भी दिया है, कि अच्छी परिपाटी सुनिश्चित करने के लिए, हर संस्थान में एक ऑफिस स्थापित किया जाना चाहिए.
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक ये सत्र पिछले अकादमिक सत्र की तुलना में बेहतर साबित हुआ है. कोरोना महामारी के दौर में ऐसा होने की वजह संस्थान को उम्मीद है कि आगे ये और बेहतर होगा.
छात्रों का ये भी कहना है कि स्टूडेंट वेलफ़ेयर को ताक पर रख दिया गया. उन्हें 9बी से वंचित किया जा रहा है. 9बी के तहत पीएचडी कर रहे छात्रों को चार साल बाद एक साल एक्स्ट्रा मिलता है.
इस विचार के पीछे उद्देश्य भारत में शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करना है, और एक बार पीजी डिग्री को मान्यता मिलने के बाद छात्र भारत में उच्च शिक्षा या सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे.
अकादमी कलेंडर पहले ही जारी कर देने पर गंभीर रूख अपनाते हुये पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से इस बारे में बृहस्पतिवार तक स्पष्टीकरण मांगा और इसे रिकार्ड में लाने का निर्देश दिया.
यूजीसी ने अपने एकेडमिक कैलेंडर में फिर संशोधन किया है. पढ़ाई का जो समय बर्बाद हुआ है उसकी भरपाई के लिए उसने कॉलेजों से 2022 तक गर्मी या सर्दी के अवकाश के बिना हफ्ते में छह दिन कक्षाएं चलाने को कहा है.