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Thursday, 25 April, 2024
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IITs NITs मातृभाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चलाएंगे, IIT-BHU में हिंदी से शुरुआत होगी

शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 से कुछ कॉलेजों में मातृभाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चुनने का विकल्प भी मिलेगा.

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नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) शैक्षणिक सत्र 2021-22 में मातृभाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने जा रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी करके यह जानकारी दी.

शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप है, जिसमें जहां तक संभव हो हर किसी के लिए मातृभाषा में शिक्षा लेना संभव बनाने पर जोर दिया गया है.

मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘तकनीकी शिक्षा, विशेष रूप से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम (मातृभाषा में) शुरू करने का दूरगामी फैसला लिया गया है…मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी. कुछ आईआईटी और एनआईटी को इसके लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है.


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सरकार संस्थानों की सूची बना रही

फैसले के बारे में बात करते एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा कि आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हिंदी में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू होंगे. अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल मातृभाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए हमने आईआईटी बीएचयू का चयन किया है. आने वाले दिनों में अन्य आईआईटी और एनआईटी की सूची तैयार कर ली जाएगी.’

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मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि यह महसूस किया गया कि शुरुआत आईआईटी बीएचयू से की जानी चाहिए क्योंकि हिंदी में इसका मजबूत आधार है. आने वाले दिनों में आईआईटी, एनआईटी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अन्य संस्थानों के नाम तय कर लिए जाएंगे.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा किए जाने के बाद से ही पोखरियाल क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा पर जोर देते रहे हैं. अगस्त में दिप्रिंट को दिए एक साक्षात्कार में पोखरियाल ने कहा था कि किसी को भी जहां तक संभव हो मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए. उन्होंने एनईपी की घोषणा के बाद कई सार्वजनिक मंचों और सेमिनारों में भी इसकी वकालत की है.

एनईपी 2020 में प्राथमिक कक्षा से ही मातृभाषा में शिक्षा की वकालत की गई है.

पिछले महीने ही मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 2021 से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन्स) और अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में कराई जाएगी. अभी यह परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में आयोजित की जाती है. घोषणा में कहा गया कि योजना के तहत ऐसी ‘क्षेत्रीय भाषाओं में प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी जिन क्षेत्रीय भाषाओं के आधार पर राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश लिया जाता है.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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