छात्रों को ईमेल में, प्रताप भानु मेहता ने पद छोड़ने के अपने फैसले के पीछे 'मौजूदा परिस्थितियों ’का हवाला दिया. अशोका विश्वविद्यालय ने द एडिक्ट लेख को 'विशुद्ध रूप से मनगढंत' और 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया.
वियतनाम दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में ASEAN देशों के प्रतिनिधियों ने उन चुनौतियों पर रोशनी डाली जिन्हें विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए भारत को पार करना होगा.
वर्ष 2019 में कुलपति का पद छोड़ते वक्त उन्होंने अपने इस फैसले के पीछे 'एकेडमिक कारणों' का हवाला दिया था. हालांकि, उन्होंने अभी प्रोफेसर के तौर पर विश्वविद्यालय से इस्तीफे के संबंध में कुछ नहीं कहा है.
दस्तावेज दर्शाते हैं कि शिक्षा मंत्री ने मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के वीसी के रूप में संजीव शर्मा का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है, जबकि शिक्षा सचिव इसके खिलाफ थे.
दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का मकसद स्टूडेंट्स को अच्छा इंसान बनाना, देशभक्त बनाना और स्टूडेंट्स को रोजगार मांगने के लिए नहीं देने के लिए तैयार करना है.
कई आईआईएम और कुछ शीर्ष निजी प्रबंधन संस्थानों में 100% प्लेसमेंट हुआ है, जहां छात्रों को 28 लाख रुपये तक का औसत वेतन ऑफर किया गया है, क्योंकि इन कंपनियों की नजरें निजीकरण की मोदी सरकार की पहल पर टिकी हैं.
हसीना ने आपका बैंक आपसे छीना, अब आपने उनसे उनकी सत्ता छीन कर बदला ले लिया है? अब आपके लिए कसौटी यह है कि आपको सार्वजनिक पद मिल गया है तब आप यह मान लें कि जनता ने आपमें भरोसा जताया है. क्या आप इस पद पर बने रहें और कुछ भी न करें? और आप कुछ करें, तो वह क्या हो?