देश भर में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच, अभिभावक और छात्रों ने परीक्षाओं को रद्द या स्थगित करने की मांग की है. राजनीतिक पार्टियां भी इस मांग में शामिल हो गई हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा कि छात्रों की आशंका वाजिब है क्योंकि जानलेवा रोग के साये में परीक्षा देना बच्चों में अनवाश्यक तनाव पैदा करेगा और इससे परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता पर भी असर पड़ेगा.
भारत में 185 स्कूल इंटरनेशनल बैकलॉरिएट से संबद्ध हैं. पिछले साल, इस बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था. इस बार यह एक अलग रुख अपना रहा है.
परीक्षा के बारे में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां एग्जाम के लिए एक शब्द है- कसौटी. मतलब खुद को कसना है, ऐसा नहीं है कि एग्जाम आखिरी मौका है. बल्कि एग्जाम तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है.
दिल्ली, जालंधर और हैदराबाद में छात्रों ने कॉलेज फिर से खोलने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. लेकिन विशेषज्ञ संक्रमण के खतरों पर जोर दे रहे हैं.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने एक ट्वीट में रविवार को कहा कि 10वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की व्यक्तिगत तौर पर कक्षा में उपस्थिति पर भी एक सप्ताह के लिए रोक रहेगी.
देशभर में कई स्कूल और कॉलेज फिर से खुलने के बाद कोविड क्लस्टर के तौर पर उभरे हैं. मामले फिर से बढ़ने के बाद कई राज्यों ने एक बार फिर स्कूल बंद कर दिए हैं.
हसीना ने आपका बैंक आपसे छीना, अब आपने उनसे उनकी सत्ता छीन कर बदला ले लिया है? अब आपके लिए कसौटी यह है कि आपको सार्वजनिक पद मिल गया है तब आप यह मान लें कि जनता ने आपमें भरोसा जताया है. क्या आप इस पद पर बने रहें और कुछ भी न करें? और आप कुछ करें, तो वह क्या हो?