scorecardresearch
Thursday, 2 January, 2025
होमएजुकेशन

एजुकेशन

‘कोई निर्धारित सिलेबस या फैकल्टी नहीं’— NSD के छात्र हफ्ते भर से क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन

3 अक्टूबर से प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि एक स्थायी निदेशक नियुक्त हो और संस्थान के रजिस्ट्रार को हटाया जाए. एनएसडी प्रबंधन ने छात्रों के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि बजट में कोई कटौती नहीं की गई है.

कॉलेज की पढ़ाई, सरकारी काम, भर्ती परीक्षाएं, सब कुछ हिंदी में हो– शाह के नेतृत्व वाले भाषा पैनल की सिफारिश

संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंदी भाषी राज्यों में हाई कोर्ट की कार्यवाही भी हिंदी में होनी चाहिए. रिपोर्ट उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश करती है जो 'जानबूझकर हिंदी में काम नहीं करते हैं.'

DU में B.COM में एडमिशन लेना चाह रहे ज्यादातर छात्र, रामजस और किरोड़ीमल कॉलेज पहली पसंद

डीयू ने अपनी दाखिला वेबसाइट पर एक नया ‘टैब’ जोड़ा है जिससे छात्रों द्वारा पाठ्यक्रम-कॉलेज को दी जा रही प्राथमिकता पर आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं.

MERITE: इंजीनियरिंग की शिक्षा में सुधार के लिए मोदी सरकार की पंचवर्षीय, 20 सूत्रीय कार्य योजना

यह योजना सामाजिक रूप से कमजोर समूहों और कॉलेजों को लक्षित करेगी, जिनके पास पर्याप्त शैक्षणिक और ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

नौकरी के साथ एकेडमिक रेपुटेशन भी खोई’ – कैसे DU के भर्ती अभियान से एड हॉक टीचर्स की हालत हुई बदतर

दर्जनों एडहॉक शिक्षकों ने दावा किया कि इस महीने डीयू की स्थायी शिक्षकों की भर्ती शुरू होने के बाद उनकी नौकरी चली गई. इस प्रक्रिया में इतने सालों की उनकी सर्विस की 'गलत ढंग से' अनदेखी की गई है.

छोटे शहरों के युवाओं के लिए आसान लोन से जगी उम्मीदें, एफोर्डेबल देशों में पढ़ने का सपना हो रहा पूरा

शिक्षा सलाहकारों और वित्तीय संस्थानों का दावा है कि टियर II और III के शहरों में रहने वाले छात्रों की विदेशों में शिक्षा के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है. इन छात्रों का कहना है कि विदेशी डिग्रियां उनके अच्छे भविष्य के लिए मददगार साबित होंगी.

‘गांधी, नेहरू’ से फोकस हटा, मोदी सरकार के राज में यूनिवर्सिटी के नाम बदलने का चलन कैसे बदला

आरएसएस के पूर्व प्रमुख से लेकर 19वीं सदी की मराठी कवयित्री तक, भाजपा शासित तीन राज्यों के विश्वविद्यालयों के नाम बदलकर कम जाने-पहचाने लोगों के नाम पर रखे गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मकसद स्थानीय लोगों के साथ जुड़ना है.

टेक्निकल रेग्युलेटर ने यूनिवर्सिटी, कॉलेजों से वैदिक बोर्ड के छात्रों को मान्यता और एडमिशन देने को कहा

ये कदम अगस्त में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की तरफ से महर्षि संदीपणि राष्ट्रीय वेद संस्कृत शिक्षा बोर्ड को समकक्ष बोर्ड का दर्जा दिए जाने के बाद उठाया गया है.

‘कैसे स्कोर करें के बजाए कैसे स्टडी करें’ – क्यों भारतीय माता-पिता विदेशी स्कूल बोर्ड चुन रहे हैं

डेटा दर्शाता है कि बड़ी संख्या में माता-पिता सीबीएसई को दरकिनार कर रहे हैं और आगे विदेशी कॉलेजों में पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए बच्चों को आईबी और आईजीएससीई स्कूलों में एडमिशन दिला रहे हैं.लेकिन आलोचक‘क्लास सिस्टम’ को लेकर चिंतित हैं.

देश में विदेशी छात्रों की संख्या पिछले सात सालों में 42% बढ़ी, ज्यादातर बच्चे नेपाल और अफगानिस्तान से

सरकार के ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के आंकड़ों से पता चलता है कि ज्यादातर दक्षिण एशियाई देश आज भी बड़ी संख्या में अपने छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. लेकिन भूटान और मलेशिया से आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है.

मत-विमत

कोड़े मारना, नंगे पांव चलना — अन्नामलाई दर्द सहने को तैयार हैं क्योंकि मोदी-शाह की तमिलनाडु में प्राथमिकताएं बदल रही हैं

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के विरोध में सार्वजनिक रूप से खुद को कोड़े मारे. हालांकि, उन्हें इस बात से दुख हुआ होगा कि न तो मोदी-शाह-नड्डा और न ही राष्ट्रीय भाजपा ने सार्वजनिक रूप से उन्हें सराहा है.

वीडियो

राजनीति

देश

मैं मंत्री पद से हटाए जाने के लिए तैयार हूं: आशीष पटेल

लखनऊ, दो जनवरी (भाषा) केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर अपने पद से इस्तीफा देने के बयान से 15 दिनों के भीतर ही...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.