पेपर लीक पर सीरीज़ की तीसरी स्टोरी में दिप्रिंट इस बात पर गौर कर रहा है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी नौकरियों में सीटों की अत्यधिक मांग किस तरह अवसरों की मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा कर रही है.
सीरीज़ की दूसरी स्टोरी में दिप्रिंट यह पता लगा रहा है कि कैसे यह पेपर लीक का गिरोह करोड़ों की इंडस्ट्री में बदल गया, जिसका छोटे खिलाड़ी और आदतन अपराधी कानूनी खामियों का फायदा उठाते हैं.
पेपर लीक पर शुरू की गई इस सीरीज़ की पहली स्टोरी में दिप्रिंट यह बता रहा है कि दशकों से विभिन्न खिलाड़ियों से जुड़े गुप्त ऑपरेशन कैसे फले-फूले और प्रमुख मामलों में जांच से क्या पता सामने आया है.
6 में से 5 टॉपर्स ने री-टेस्ट दिया था. हालांकि, अब उनमें से कोई भी टॉपर लिस्ट में नहीं है, फिर भी उन्होंने 680 से अधिक स्कोर प्राप्त किए. एस्पिरेंट्स का कहना है कि दोबारा दी गई परीक्षा के रिजल्ट से अंतिम रैंक में कोई खास अंतर नहीं आया.
अभ्यर्थियों का कहना है कि केंद्रों पर खराब प्रबंधन, एडमिट कार्ड देर से जारी होने और कथित पेपर लीक से निपटने के बाद अब उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी. कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा.
NEET-2024 पेपर लीक, ग्रेस मार्क्स, परफेक्ट स्कोर और कट-ऑफ में भारी बढ़ोतरी से प्रभावित रही है. संकटग्रस्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है, जिसका मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है.
चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए केंद्र ने नियुक्ति के लिए आगे बढ़ने के लिए ईसीआई से मंजूरी मांगी थी, जिसे इस शर्त पर मंजूर किया गया कि सरकार इससे ‘राजनीतिक लाभ’ नहीं लेगी.
8% माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे की स्कूल फीस में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है, कुछ माता-पिता ने यह भी कहा कि उन्हें ‘अपनी बचत में कटौती’ करनी पड़ी है.
इस साल, आईआईएम (लखनऊ) और बिट्स पिलानी ने अपने पूर्व छात्रों से प्लेसमेंट में मदद करने के लिए कहा है. ये अपीलें वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच आई हैं, जो एक बाज़ार में नौकरियां मिलने में हो रही मुश्किलों की तरफ इशारा करती है.
सीए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारत एक बार फिर से दुनिया को नेतृत्व प्रदान करे और इस दिशा में उत्तर प्रदेश पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .