भारत की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने कहा है कि जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया है और जिनका उनको समर्थन प्राप्त है उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
मोहन कुमार का कहना है कि पीएमओ राफेल सौदे को तेजी से निपटाना चाहता था, और उसकी सोच 'स्वतंत्र और स्पष्ट' थी, जैसा कि तत्कालीन मंत्री मनोहर पर्रिकर चाहते थे.
दुलत जब आईबी में थे, तब उन्होंने कश्मीर में काम किया था और फारूक अब्दुल्ला के साथ उनके करीबी संबंध थे. तब से दिल्ली ने गुप्त वार्ता के लिए उनका इस्तेमाल किया है.