2017 में एलएसी में एक बटालियन के कमांडेंट रहे चुके कर्नल एस. डिन्नी (सेवानिवृत्त) का कहना है कि वहां पर निर्माण गतिविधियों के बीच घुसपैठ भारत को एक संदेश देने की कोशिश भर है और सामरिक तौर पर इसका कोई महत्व नहीं है.
लद्दाख में एलएसी के पास हुई हिंसा में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद सैन्य-स्तरीय वार्ता जारी है. रक्षा मंत्री, सीडीएस और सेवा प्रमुख हालात का जायजा ले रहे हैं.
नियंत्रण रेखा (एलओसी) के उलट, जो भारत और पाकिस्तान सीमा के नक़्शे पर चित्रित की गई है. जिसपर दोनों देशों की सेनाओं के दस्तख़त हैं और जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता हासिल है. एलएसी बहुत अस्पष्ट है. ज़्यादातर समय, ये न तो रेखा है, और न ही नियंत्रण में है.
भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन जमीनी हालात में कोई बदलाव नहीं आए हैं. दोनों देशों की सेना ने एलएसी के पास सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी है.