पेरुमाल मुरुगन का ’नर-नारीश्वर’ मानव मन की भीतरी परतों को पड़ताल करता है, साथ ही वह बच्चे की चाह में गारंटी के साथ बच्चा देने का वादा करने वाले फैलते बाज़ार में आज के युगलों पर भी तंज़ करता है.
मुंबई की उपनगरीय रेल नेटवर्क में हर साल हज़ारों मूल्यवान ज़िंदगियों का अंत हो जाता है और यह बेहद चिंताजनक बात है जबकि उनकी वजहें और समाधान सबको मालूम हैं.