भगत सिंह के अनुसार सुभाषचंद्र बोस और नेहरू दोनों ही भारत की आजादी के लिए प्रतिबद्ध थे लेकिन दोनों अपने विचारों के स्तर पर काफी अलग हैं. एक भारतीय संस्कृति का वाहक और भावनात्मकता से जुड़ा है तो दूसरा एक क्रांतिकारी है.
टिकटोक 12 से 22 साल के युवाओं में काफी पॉपुलर है. 100 स्कूली युवाओं की भीड़ में लड़कियां भी हैं जो टिकटोक सेलिब बनने की लालसा में कनॉट प्लेस की इस गली में आईं हैं.
महात्मा गांधी अपनी भाषा और अपनी जुबान के समर्थक थे. उनका मानना था कि जो बात जिस भाषा में मूल रूप में कही गई है और जिसमें वह रची-बसी है, उसी में उसका सही अर्थ समझा जा सकता है.
दरियागंज में लगने वाले पुस्तक बाज़ार को जुलाई में बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसे नया पता मिल गया है. हालांकि, इस नए पते को लेकर विक्रेताओं में मतभेद है.
मलखान सिंह की काव्य दृष्टि अत्यंत पीड़ादायी परिस्थितियों को देखकर बनी है. वे अपनी कविता में जाति के प्रश्न को बार-बार उठाते हैं. वे पूछते हैं कि क्या इस देश में हमारी पहचान केवल हमारी जाति से ही तय होगी?
हाईकोर्ट की गलती यह रही कि उसने इन विशेष संस्थानों को सामान्य शैक्षणिक संस्थानों की तरह देखा. ये कॉलेज संवैधानिक न्याय के विशेष साधन के रूप में बनाए गए थे.