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Saturday, 22 November, 2025
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समाज-संस्कृति

शोले में ‘कितने आदमी थे’ का जवाब देने वाले ‘कालिया’ वीजू खोटे नहीं रहे

विजू खोटे साल 1964 से फिल्मी दुनिया से जुड़े थे. 50 साल से अधिक के अपने करियर में उन्होंने कई मराठी, हिंदी फिल्मों के साथ साथ टेलीविजन धारावाहिकों में और थियेटर में भी काम किया.

श्रद्धाराम फिल्लौरी: जिन्होंने ‘ऊं जय जगदीश हरे’ ही नहीं और भी बहुत कुछ रचा

श्रद्धाराम फिल्लौरी ने कवि कर्म से इतर भी हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है और कई विद्वान उनके उपन्यास ‘भाग्यवती’ को हिंदी का पहला उपन्यास मानते हैं.

गांधी आज ‘महात्मा’ न होते अगर भीड़ द्वारा हमले में उन्हें कुछ हो जाता

जिसे आज 'मॉब लिंचिंग' कहा जाता है, उससे गांधी मुश्किल से बच पाए थे. वरना, गांधी के महात्मा बनने की कहानी वहीं ठहर जाती और उनकी पहचान मोहनदास करमचंद तक ही सीमित हो गई रहती.

देवानंद की ‘प्रेम पुजारी’ जैसी देशभक्ति बॉलीवुड की किसी अन्य फिल्म में देखने को नहीं मिली

प्रेम पुजारी में देवानंद ने रामदेव नामक एक अमन-पसंद सैनिक का किरदार निभाया है, जो कोर्ट मार्शल किए जाने के बाद पलायन करने को विवश हो जाता है.

देश के युवाओं को क्रांति के लिए नेहरू के रास्ते पर चलना चाहिए : भगत सिंह

भगत सिंह के अनुसार सुभाषचंद्र बोस और नेहरू दोनों ही भारत की आजादी के लिए प्रतिबद्ध थे लेकिन दोनों अपने विचारों के स्तर पर काफी अलग हैं. एक भारतीय संस्कृति का वाहक और भावनात्मकता से जुड़ा है तो दूसरा एक क्रांतिकारी है.

कनॉट प्लेस में टिकटोक का हॉट अड्डा जिसमें है लंदन की फील और स्वैग

टिकटोक 12 से 22 साल के युवाओं में काफी पॉपुलर है. 100 स्कूली युवाओं की भीड़ में लड़कियां भी हैं जो टिकटोक सेलिब बनने की लालसा में कनॉट प्लेस की इस गली में आईं हैं.

गांधी मानते थे कि बात अपनी ही भाषा में अच्छे से कही जा सकती है

महात्मा गांधी अपनी भाषा और अपनी जुबान के समर्थक थे. उनका मानना था कि जो बात जिस भाषा में मूल रूप में कही गई है और जिसमें वह रची-बसी है, उसी में उसका सही अर्थ समझा जा सकता है.

देवानंद पर फिल्माए गए राग गारा पर आधारित कई गीत और सभी के सभी हुए बहुत हिट

राग गारा भारतीय संगीतकारों के पसंदीदा रागों में रहा है. इस राग को आधार बनाकर कई और शानदार फिल्मी गाने कंपोज किए गए हैं.

ऐसा राष्ट्रकवि जिसने लोगों के दिलों पर राज किया लेकिन खुद से ही हार गया

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को कहा था - 'जब-जब सत्ता लड़खड़ाती है तो सदैव साहित्य ही उसे संभालती है.'

दरियागंज पुस्तक बाज़ार को मिला नया पता, पुरानी जगह का नहीं छूट रहा मोह

दरियागंज में लगने वाले पुस्तक बाज़ार को जुलाई में बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसे नया पता मिल गया है. हालांकि, इस नए पते को लेकर विक्रेताओं में मतभेद है.

मत-विमत

क्लाउडफ्लेयर आउटेज: भारत के लिए बड़ा अलर्ट — विदेशी डिजिटल सिस्टम पर खतरनाक निर्भरता उजागर

डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.

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जनता, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता जनता, खासकर महिलाओं की...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.