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Friday, 31 January, 2025
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समाज-संस्कृति

क्लब सिंगर उषा सामी अय्यर और फिर उत्थुप..आसान नहीं था ये सफर

उषा की जिंदगी से जुड़ी कई अनकही अनसुनी कहानी इस किताब में पढ़ने को मिलेगी..साथ ही जान पाएंगे कि कैसे जिंदगी करवट लेती रही उषा और मजबूत होती रहीं.

महाराष्ट्र के एक स्कूल में मूकबधिर बच्ची के प्रति बच्चों ने बदला अपना व्यवहार

करीब तीन हजार की आबादी के इस गांव में अधिकतर बौद्ध समुदाय के परिवार हैं. इनमें से ज्यादातर छोटे किसान और मजदूर हैं. वर्ष 1935 में स्थापित इस गांव के स्कूल में कुल 91 बच्चे हैं.

कैसे मर्दों में औरतों के चेहरे मिटा देने की इच्छा प्रबल होती है, ‘छपाक’ देर तक कानों में गूंजती रहेगी

छपाक उस मजबूत महिला की कहानी है जिसे जीवन में जो वो चाहती है वो भले ही न मिलो हो, पर वो उस पाने के इर्द गिर्द एक रास्ता ज़रूर ढूंढ लेती है. ये फिल्म आपकी अंतरात्मा को झकझोर कर रख देगी.

गुलज़ार के मुरारी लाल बढ़ती महंगाई और राजनीतिक दांवपेंच पर जनता के गुस्से की आवाज़ बनकर लौटे

गुलज़ार की लघु कविताएं मुरारीलाल वर्तमान में बढ़ी महंगाई पर कैसे कटाक्ष करती है.

भारतीय सिनेमा ने 2019 में खो दी कई नामचीन हस्तियां, प्रशंसकों के दिलों में बच गई केवल यादें

भारतीय सिनेमा ने साल 2019 में कई नामचीन और प्रतिभाशाली कलाकारों को खोया है. जिसमें गिरीश कर्नाड, श्रीराम लागू, विद्या सिन्हा समेत कई कलाकार हैं.

महाराष्ट्र : स्कूल के प्रयास से अब ईंट भट्टों पर नहीं जाते हैं आदिवासी बच्चे

यह स्कूल के प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले दो वर्षो में ऐसे 20 बच्चों ने अपने परिजनों के साथ ईंट भट्टों पर जाने के लिए गांव नहीं छोड़ा.

नागरिकता के सवाल से जूझ रहे देश को आज भी आवाज़ देती है एमएस सथ्यू की गर्म हवा

विभाजन के बाद भारत में एक मुस्लिम परिवार की कहानी कहती फिल्म जो उनकी परेशानियों को मानवता से जोड़ती है.

प्रदीप – ऐसा देशभक्त कवि जिनके गीतों ने नेहरू की आंखों में आंसू ला दिए

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं और ऐ मेरे वतन के लोगों जैसे गीतों को लिखने वाले कवि प्रदीप उन कवि और गीतकारों में से हैं जिनके गीतों ने ब्रिटिश सरकार के लिए मुश्किलें पैदा की.

गुलज़ार- वो हसीं शायर जिनके नाम पर हर कविता चलने लगती है

हाल ही में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने एक कविता गुलज़ार के नाम से शेयर की जो उन्होंने लिखी ही नहीं.

बंद होने की कगार पर खड़े महाराष्ट्र के सौ साल पुराने स्कूल को मिला ‘जीवनदान’

जिला-मुख्यालय सांगली से कोई 40 किलोमीटर दूर एक स्कूल है- शासकीय प्राथमिक स्कूल 'रेठरे हरणाक्ष.' यहां बीते तीन साल में बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़कर सौ के पार हो चुकी है.

मत-विमत

क्या हम सच में चीन का विकल्प बन सकते हैं? मोदी का 2014 का भारत को महान बनाने का वादा बिखर चुका है

एक समय था जब भारतीय लोग तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी होने का सपना देखते थे. अब, चीनी इतने आगे हैं कि वे हमें प्रतिस्पर्धी भी नहीं मानते. यह उनके और अमेरिका के बीच की बात है.

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राजनीति

देश

गुजरात: चेन झपटमारी के मामले में आरोपी गिरफ्तार, खुद को मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक का बेटा बताया

अहमदाबाद, 31 जनवरी (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक महिला से सोने की चेन झपटमारी के आरोप में 25 वर्षीय एक व्यक्ति...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.