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Saturday, 1 February, 2025
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समाज-संस्कृति

कला जगत की मशहूर स्कॉलर कपिला वात्स्यायन का 91 वर्ष की आयु में निधन

कपिला वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं. वह आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं. वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं.

कोविड काल और प्रवासियों के दुख दर्द को भोजपुरी रैप में बस 6 मिनट में बता गए मनोज बाजपेयी

'बंबई में का बा' के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि कैसे गांव में खस्ताहाल कानून व्यवस्था, जर्जर अस्पताल, खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था और भयानक बेरोज़गारी लोगों को मुंबई जैसे उन महानगरों में आने को मजबूर करती है जहां उनके लिए कुछ भी नहीं.

मुस्लिमों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए, इस्लाम, कुरान या हदीस की सभी बातें न मानें

मुसलमानों में सहज मानवीय भावनाएं भी होती हैं जिस का किसी धर्म-मजहब से लेना-देना नहीं होता या यह गैर-मुस्लिम समाजों की नैतिकता, रीति-रिवाजों का प्रभाव भी होता है.

अमृता प्रीतम की कहानियों के किरदारों के सुख दुख का साथी कैसे बन जाता है वो ‘तीसरा पात्र’

अमृता प्रीतम की कहानियों से जब भी गुज़रना होता है तो उनमें मानवीय करूणा, महिलाओं की पीड़ा, नारी की स्थिति बड़ी संजीदगी और गंभीरता से उकेरी हुई जान पड़ती है.

जब टूटे दिल को सहलाना हो तो मुकेश के ये गीत मरहम बन आपका मूड लिफ्ट कर देंगे

तो मोबाइल पर नेट ऑन कीजिए, कान में ईयर फोन लगाइए और मुकेश के गानों के साथ अपना सारा दर्द गा डालिए. ट्रेजडी किंग की आवाज में आपका ग़म बह जाएगा.

बिस्मिल्लाह खान की धुन ऐसी खामोश हुई कि बनारस के घाटों से फिर सुरों की बरसात हमेशा के लिए थम गई

बिस्मिल्लाह खान की विरासत जिसे संजोने की जिम्मेदारी परिवार की, सरकार की, प्रशासन की व हर उस नागरिक की है जो प्रेम करता है अपनी संस्कृति से, अपनी कला, अपनी धरोहर से. पर अफ़सोस राजनीति और घरेलू मन-मुटाव के चलते इस विरासत का मोल न तो उनके परिवार के कुछ सदस्य और न ही सरकारें समझ पाई.

22 गज का बादशाह, कैप्टन कूल: नंबर-7 धोनी ने कैसे जिताई भारत को तीन आईसीसी क्रिकेट ट्राफी

पूरी एक पीढ़ी का सिर्फ एक व्यक्ति के लिए मैच देखना बंद करना ये साबित करता है कि खिलाड़ी किस स्तर का है और कितना शानदार और असरदार है.

मुगल-ए-आज़म: बंटवारे के कारण एक्टर, संगीतकार, फाइनेंसर तक बदले लेकिन फिर भी ये फिल्म मुकम्मल हुई

आखिर में अनारकली का वो प्रभावशाली संवाद आता है जो आज भी लोगों की जुबां पर है. वो कहती है, 'शहंशाह की इन बेहिसाब बख्शीशों के बदले में ये कनीज़ जलालउद्दीन मोहम्मद अकबर को अपना ये ख़ून माफ़ करती है.'

किशोर कुमार: गानों में यूडलिंग टेकनीक लेकर आए- जब रफी, लता, आशा भोसले से आगे निकल गए उनके गाने

यूडलिंग यानि गाने के हाई और लो पिच के बीच तेजी से बदलने वाला अंदाज पैदा करना, गानों मे वैरिएशन पैदा करने की किशोर यह स्टाइल बाद में फैशन बन गई.

मोहम्मद रफी- जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग-संग तुम भी गुनगुनाओगे

भारतीय संगीत परंपरा में एक ऐसा सितारा भी हुआ है जो अपनी पहचान अलग से बनाए हुए है और अपने जाने के 40 बरस बाद भी दिलकश आवाज़ के जरिए हमारे दिलों पर राज कर रहा है.

मत-विमत

मैं मूर्ति-सुब्रह्मण्यम से सहमत हूं: कामयाबी 9-5 से परे है, लेकिन लंबी शिफ्ट के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता

कॉर्पोरेट वालों की मलामत करना आसान है. लेकिन अपने उद्यमियों, संपदा और रोजगार पैदा करने वालों को प्यार और सम्मान न देने वाला समाज निम्न-मध्यवर्गीय आय के खांचे में ही अटके रहने को अभिशप्त होता है.

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राजनीति

देश

बजट 2025-26 में कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 के अनुसार, देश-विदेश में सरकारी कर्मचारियों...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.