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Saturday, 13 December, 2025
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समाज-संस्कृति

डिस्को संगीत के लिए मशहूर गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का निधन

बप्पी लाहिड़ी ने 80 और 90 के दशक में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाया.

समलैंगिकता पर संभल कर बात करती है ‘बधाई दो’

फिल्म का अंत सुखद है लेकिन सवाल छोड़ जाता है कि अपनी समलैंगिकता का खुल कर प्रदर्शन करने वाले ये किरदार क्या फिल्म खत्म होने के बाद उस समाज, शहर में खुल कर जी पाए?

मुसलमानों के खिलाफ ‘हेट कैंपेन’-उर्दू मीडिया में इस हफ्ते कर्नाटक हिजाब विवाद छाया रहा

दिप्रिंट अपने राउंड-अप में बता रहा है कि इस हफ्ते उर्दू मीडिया ने विभिन्न घटनाओं को कैसे कवर किया और कुछ खबरों पर उसका संपादकीय रुख क्या रहा.

मेल डोमिनेटिंग मुंबई फिल्म इंडस्ट्री सोसाइटी में हस्तक्षेप, योगदान, कर्मठता और बहादुरी की मिसाल थी लता मंगेशकर

लता मंगेशकर दरअसल में हिंदुस्तान की ज़ुबान है उसी का प्रतीक, जिनके होने से इस बात को आस्वस्ति मिलती थी कि हम अपने गहरे दुःख और गहरे आनंद के पलो में उनके साथ कोई साझा पल अपने लिए बटोरते थे, सहेजते थे.

‘मेरी आवाज़ ही पहचान है’: लता मंगेशकर के गीतों में प्रेम रस, वेदना और जीवन के तमाम अनुभवों का संसार था

भारतीय संगीत आज जिस मुकाम पर है उसे वो सफलता और वैभव दिलाने में लता मंगेशकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनका जाना संगीत की दुनिया से एक महत्वपूर्ण सितारे का टूटना है.

लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें और उनकी संगीतमय दुनिया

1939 में बाबा ने एक नाटक ‘भाव बंधन’ में लतिका की भूमिका अभिनीत की थी. वह उस चरित्र से बेहद प्रभावित हुए और तभी उन्होंने मेरा नया नामकरण ‘लता’ कर दिया था. इसके पहले मैं हृदया नाम से जानी जाती थी.

जब आरक्षण की नीति और सरकारी नौकरियों के लिए चयन में कोटा के खिलाफ घिरी थी नेहरू सरकार

त्रिपुरदमन सिंह की नई किताब 'वो सोलह दिन' भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन की कहानी है. संसदीय बहसों और विरोध के बीच जून 1951 में पहला संविधान संशोधन किया गया.

बजट, चुनाव अभियान, पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट- इस हफ्ते उर्दू प्रेस में क्या सुर्खियों में रहा

दिप्रिंट का राउंड-अप बता रहा है कि उर्दू मीडिया ने इस सप्ताह विभिन्न न्यूज इवेंट को कैसे कवर किया और उनमें से कुछ पर उनका संपादकीय रुख क्या रहा.

पावर-पॉलिटिक्स के गठबंधन और साजिशों में उलझी मिस्ट्री ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’

तिग्मांशु, विजय मौर्य और पुनीत शर्मा की मंडली ने यह ख्याल रखा है कि कहानी विजुअली तो समृद्ध हो लेकिन उसकी आत्मा भी लगातार बरकरार रहे.

जल, जमीन, जंगल का संघर्ष ‘स्प्रिंग थंडर’ में

यह फिल्म अपने संघर्ष के लिए देखे जाने लायक है. संघर्ष जो सामने पर्दे पर दिखता है और संघर्ष जो इसे बनाने के लिए इसकी टीम ने किया.

मत-विमत

एयरस्पेस सेक्टर में दिग्गज होना तो दूर, भारत असल में एक आयातक ही है

दशकों से भारतीय रक्षा उद्योग ‘देसी’ कलपुर्ज़े ही देता रहा है. इनमें से ज़्यादातर में बस आयातित पुर्जों की एसेंबलिंग की जाती है और आयात पर गहरी निर्भरता के ऊपर परदा डाल दिया जाता है.

वीडियो

राजनीति

देश

एनआईए ने सात लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को मुफ्त अरबी कक्षाओं की आड़ में युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.