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Tuesday, 4 February, 2025
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समाज-संस्कृति

‘BJP के लिए नफरत की राजनीति की कीमत समझने का समय आ गया है’- नूपुर और जिंदल की ‘ईशनिंदा’ पर उर्दू प्रेस की टिप्पणी

पेश है दिप्रिंट का इस बारे में राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार सम्बन्धी घटनाओं को कवर किया, और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख अख्तियार किया.

DM के पद से लोगों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है: डॉ. हीरा लाल

मेरे मन में समाचार-पत्रों में आर्टिकल लिखने की इच्छा है, लेकिन संभव नहीं हो पाता. इसकी कसक मन में रहती है. अभी तक पूरी नहीं हो पाई. पढ़ाई-लिखाई अब आदत में आ गई है. मजा आता है.

‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ दिल्ली की गलियों के जरिए लोगों की जिंदगी में झांकने वाली फिल्म

देश-दुनिया के कई फिल्म समारोहों का हिस्सा रही यह फिल्म असल में बहुत सारे किरदारों के जीवन का कोलाज दिखाती है. इन किरदारों में से हर किसी की अपनी कहानी है, अपनी बेबसी.

जब भगत सिंह को फांसी लगने का समय आया, तब वो लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे

भगत सिंह हरफनमौला और खुशमिजाज युवक थे. इनके साथी राजगुरु और सुखदेव भी फांसी के हुक्म से जरा विचलित नहीं हुए और किसी प्रलोभन में नहीं आए.

इतिहास और दंतकथाओं से मिल कर बनी ‘सम्राट पृथ्वीराज’ की लुभावनी कहानी

पृथ्वीराज चौहान के किरदार में अक्षय कुमार की जगह कोई और होता तो...? इस काल्पनिक सवाल को छोड़िए और देखिए कि अक्षय कुमार ने इतना भी बुरा काम नहीं किया है.

क्या कहती है भारत के जांबाज ‘मेजर’ संदीप उन्नीकृष्णन की यह कहानी

तेलुगू और हिन्दी में एक साथ बनी इस फिल्म में तेलुगू अभिनेता अडिवि शेष ने मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की भूमिका के साथ भरपूर न्याय किया है.

संगीत की चमकदार दुनिया के धुंधलके में भी कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) ने अपनी चमक बरकरार रखी

केके भारतीय संगीत का एक ऐसा चेहरा हैं जो दूर होकर भी कहीं न कहीं हम सबमें मौजूद हैं. उनके गीतों ने एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है.

धुनों पर गीत लिखने वाले गीतकार योगेश जिनके गाने जीवन के उतार-चढ़ाव से टकराते हैं

योगेश ने ज्यादातर अपने गीत संगीतकारों द्वारा दिए गए धुनों पर लिखे. आनंद से मिली सफलता के बाद उनके गीतों ने रजनीगंधा, छोटी सी बात, मंजिल, मिली, बातों बातों में जैसी फिल्मों में जान फूंक दी.

‘हिंदी की सुबह हुई’: गीतांजलि श्री के ‘रेत समाधि’ को बुकर प्राइज़ मिलना क्यों है बड़ी घटना

हिंदी जगत के लेखक, गीतांजलि श्री को बुकर पुरस्कार मिलने को भारतीय भाषाओं के लिए एक बड़ी परिघटना मान रहे हैं और कह रहे हैं कि आज हिंदी की असल सुबह हुई है वहीं स्त्री लेखन और अनुवाद के लिए भी ये सम्मान बड़ी उपलब्धि है.

वाराणसी के ज्ञानवापी से लेकर दिल्ली के कुतुब मीनार तक – ‘पूजा के अधिकार’ पर उर्दू प्रेस का फोकस

उर्दू मीडिया ने इस सप्ताह किन खबरों को प्रमुखता से छापा और अपने संपादकीय पेजों पर क्या कुछ लिखा, इस पर दिप्रिंट का राउंड-अप

मत-विमत

मोदी 3.0 के बजट से जुड़ी है समाजवादी पहचान की सुर्खी और उसके नीचे दबी है परमाणु संधि की आहट

इस बजट की सुर्खी बनने लायक एकमात्र बात मिडिल-क्लास को इनकम टैक्स में दी गई राहत है और सबसे साहसिक और सकारात्मक पहलू है परमाणु ऊर्जा एक्ट और ‘सिविल लायबिलिटी ऑन न्यूक्लियर डैमेज एक्ट’ में संशोधन का इरादा.

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तमिलनाडु के मदुरै में दो दिन के लिए निषेधाज्ञा लगायी गयी

मदुरै (तमिलनाडु), तीन फरवरी (भाषा) मदुरै जिला प्रशासन ने ‘हिंदू मुन्नानी’ और अन्य संगठनों द्वारा चार फरवरी को प्रदर्शन की घोषणा किये जाने...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.