scorecardresearch
Tuesday, 4 February, 2025
होमसमाज-संस्कृति

समाज-संस्कृति

बढ़िया है लेकिन और बेहतर फिल्म हो सकती थी ‘कार्तिकेय 2’

इस फिल्म में डॉक्टर हो चुका कार्तिकेय एक और बड़े रहस्य को सुलझाने निकला है. हालांकि पिछली वाली फिल्म से इसका सीधे तौर पर कोई नाता नहीं है.

‘गुजरात चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश’- बानो के दोषियों की रिहाई पर क्या कहता है उर्दू प्रेस

दिप्रिंट का जायज़ा कि उर्दू मीडिया ने बीते हफ्ते की विभिन्न ख़बरों को कैसे कवर किया, और उनमें से कुछ ने क्या संपादकीय रुख़ इख़्तियार किया.

‘5 साल, 40 सीरीज और 15 प्लेटफॉर्म्स,’ समीर नायर बोले- और अच्छे कंटेंट पर होगा फोकस

टीवी की दुनिया में 'सास भी कभी बहू थी' से #KBC तक जैसा शो देने वाले एप्लॉज़ एंटरटेनमेंट के 5 साल पूरे होने पर सीईओ समीर नायर ने कहा कि उनका फोकस हर तरह के कंटेंट के साथ-साथ ओटीटी, फिल्म्स और टीवी पर भी होगा.

क्यों हो रही है बॉलीवु़ड की पिटाई, कारण ट्रोल या कमज़ोर कंटेंट?

ओटीटी प्लेटफॉर्म ने भी बॉलीवुड को गिराने में अपनी भूमिका अदा की है.

BJP ने उदाहरण पेश किया, नीतीश ने अपनाया – बिहार के पाला बदलने वालों के बारे में उर्दू प्रेस ने क्या लिखा

उर्दू मीडिया ने इस सप्ताह कौन-कौन सी खबरों को कवर किया और उनमें से कितनी खबरों ने संपादकीय पेजों पर जगह बनाई. दिप्रिंट का राउंड-अप.

एकनाथ शिंदे-फडणवीस- महाराष्ट्र में सबसे बड़ी बगावत और परदे के पीछे का गणित

शिवसेना में बगावत करवाकर और शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही कि वो फिर एक बार सत्ता में आ गई.

दिमाग नहीं लगाएंगे तो मनोरंजन करेगी ‘रक्षा बंधन’

रक्षा बंधन फिल्म लड़के की आस में ऊल-जलूल हरकतें करते लोगों पर कटाक्ष करती है, दहेज की मांग करने वाले परिवारों पर वार करती है, लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाने की बात भी करती है.

भरी-पूरी होने के बावजूद दर्शकों की प्यास क्यों नहीं बुझा पाई ‘लाल सिंह चड्ढा’

यह फिल्म लाल सिंह चड्ढा के साथ-साथ चलते हुए भारत देश के समय और हालात को दिखाती है. दरअसल, यह फिल्म कहती तो बहुत कुछ है, लेकिन वह ‘कहना’ सुनाई नहीं देता.

सपनों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, अभी तक मेरा मास्टरपीस आया नहीं है: राजपाल यादव

राजपाल यादव ने कहा कि जब से दुनिया बनी तब से हंसी का बोलबाला है क्योंकि हम सबको मुस्कुराहट के लिए लाफ्टर तो चाहिए ही. मैं मानता हूं कि कठिन रूपी जीवन जीने के लिए आर्ट एक लाइफ सपोर्टर है.

किसान जीवन का द्वंद्व और जीवन की संभावनाओं की यात्रा है ‘ढलती सांझ का सूरज’

'ढलती सांझ का सूरज' किताब की सबसे अच्छी बात यह है कि ये एक ऐसी प्रासंगिकता भरी यात्रा है जो संजीदगी और शोध के जरिए लिखी गई है.

मत-विमत

गंदगी के लिए सिर्फ सरकार को दोष मत दीजिए, नागरिकता की भावना कानून से नहीं जगाई जा सकती

यह समस्या केवल भारत में सीमित नहीं है, उन देशों में भी है जहां भारतीय लोग जा बसे हैं. लंदन में गुटके की थूकों के चारों तरफ फैले दाग से छुटकारा पाने के लिए अधिकारियों को पूरे इलाकों में नई रंगाई-पुताई करवानी पड़ी.

वीडियो

राजनीति

देश

तेलुगु फिल्म निर्माता केपी चौधरी ने अवसाद के कारण की आत्महत्या: पुलिस

पणजी, चार फरवरी (भाषा) तेलुगु फिल्म निर्माता के पी चौधरी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अवसाद (डिप्रेशन) के कारण आत्महत्या...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.