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Wednesday, 1 January, 2025
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नेशनल इंट्रेस्ट

क्यों फौज जमीन पर कब्जा जमाने से ज्यादा राजनीतिक मकसद पूरा करने का जरिया है

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे कहते हैं कि किसी भी युद्ध का अंतिम लक्ष्य जमीन पर अपना नियंत्रण कायम करना ही होता है, लेकिन सबसे अहम है राजनीति.

इमरान को ‘इम द डिम’ न समझें, बिंदास इमरान ही पाकिस्तानी हुकूमत को चुनौती दे सकते हैं

हममें से हर एक ने पाया है कि इमरान ख़ान एक अनूठी शख्सियत हैं, इस उपमहादेश के आम क्रिकेट सितारों से अलग. उनमें लापरवाही की हद तक जोखिम मोल लेने का जज्बा रहा है

पाकिस्तानी सियासत ने ऐतिहासिक करवट ली है, सेना को इमरान खान से शिकस्त खाने का सता रहा डर

कभी फौज के शब्द सरकार के लिए हुक्म के समान हुआ करते थे. वह प्रधानमंत्रियों को तख्तनशीन कर सकती थी, उनका तख्तापलट कर सकती थी, देश निकाला दे सकती थी या कत्ल तक करवा सकती थी लेकिन आज उसे नेताओं से मात खाने का डर सता रहा है.

कैसे गुजरात पिटाई मामले ने भारतीय राजनीति की ‘सेकुलर’ चुप्पी को सामने ला दिया

गुजरात में मुस्लिम युवाओं की कोड़े से पिटाई जैसी घटनाओं पर ही भारत जैसे बहुलतावादी, लोकतांत्रिक गणतंत्र से राजनीतिक आवाज़ उठाने की अपेक्षा की जाती है लेकिन भाजपा के प्रतिद्वंद्वी मुसलमानों के साथ दिखने से भी डर रहे हैं.

मुलायम हमारे राजनेताओं में सबसे अधिक राजनीतिक और भारतीय मुसलमानों के सबसे महत्वपूर्ण नेता क्यों थे?

मुलायम सिंह यादव की राजनीति में काफी कुछ गलत था, और काफी कुछ ऐसा था जिस पर हम असहमत होंगे या बहस करेंगे लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं बदल जाएगी कि वह एक लाजवाब सियासी खिलाड़ी थे.

क्या फिर से ‘इंडिया शाइनिंग’ हो रहा, समय से पहले जीत का जश्न मनाना हमारी खतरनाक आदत

खुशहाल भारतीयों ने तमाम क्षेत्रों में विजय की घोषणा कर दी है— हवाईअड्डों की बेहतरी से लेकर वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या तक की मिसाल दी जाती है लेकिन बहुत कुछ ऐसा भी है जो गलत और खतरनाक है.

हिजाब समर्थक SC में लड़ाई जीत भी जाएं तो भी हारेंगे, क्योंकि असली संघर्ष राजनीति के मैदान में है

बेहद ध्रुवीकृत समय में, हाशिये पर धकेले गए अल्पसंख्यक पीछे मुड़कर अपनी उन जड़ों और बुनियादों को बचाने में जुट जाते जो उन्हें बहुत प्रिय होते हैं लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह एक खतरनाक जाल बुन सकता है.

भारत में राजनीतिक खालीपन को भरने में लगी AAP लेकिन बिना किसी विचारधारा के टिके रह पाना मुश्किल

कांग्रेस के वोटर करीब एक दशक से विकल्प की तलाश में हैं और आंध्र से लेकर तेलंगाना और महाराष्ट्र तक एक ही कहानी दोहराई गई है. इधर ‘आप’ इसी का फायदा उठाने में जुटी है.

इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चल रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का समय आ गया है, सुप्रीम कोर्ट के पास मौका है

किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि भाजपा सरकार चुनाव सुधार करने के अपने वादे पूरे करेगी लेकिन असली निराशा सुप्रीम कोर्ट से हुई है जिसने मामले को बहुत गरम मान कर इसे अगली-ज्यादा-बुद्धिमान-पीढ़ी के सुपुर्द करने जैसा फैसला किया

कर्तव्य पथ पर मोदी से मत पूछिए वे आपके लिए क्या करेंगे, खुद से पूछिए कि आप उनके भारत के लिए क्या करेंगे

नागरिकों के कर्तव्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ज़ोर देने का राजनीतिक अर्थ यह है कि गेंद जनता के पाले में डाल दिया जाए. और यही वे सत्ता में आने के बाद से करते रहे हैं.

मत-विमत

कोड़े मारना, नंगे पांव चलना — अन्नामलाई दर्द सहने को तैयार हैं क्योंकि मोदी-शाह की तमिलनाडु में प्राथमिकताएं बदल रही हैं

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के विरोध में सार्वजनिक रूप से खुद को कोड़े मारे. हालांकि, उन्हें इस बात से दुख हुआ होगा कि न तो मोदी-शाह-नड्डा और न ही राष्ट्रीय भाजपा ने सार्वजनिक रूप से उन्हें सराहा है.

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राजनीति

देश

टीएमसी ने धूमधाम से 26वां स्थापना दिवस

कोलकाता, एक जनवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अपना 26वां स्थापना दिवस मनाया। पार्टी की...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.