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Sunday, 16 November, 2025
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नेशनल इंट्रेस्ट

इज़रायल गुस्से में है, नेतन्याहू गाज़ा को मिट्टी में मिलाने को तैयार हैं, पर फौजी ताकत की भी कुछ सीमाएं हैं

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद का इतिहास और इजरायल के अनुभव यही सिखाते हैं कि आपकी सेना चाहे कितनी भी ताकतवर हो, राजनीतिक और रणनीतिक मकसद हासिल करने में वह शायद ही मददगार होती है.

क्रिकेट के लिए हम जुनूनी या पक्षपाती सही, पर नाज़ी नहीं हैं; गुजरातियों की बदनामी नहीं करनी चाहिए

खेल के मैदान में धार्मिक नारों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, लेकिन सभी प्रतिस्पर्द्धी खेलों के साथ जुनून जुड़ा ही होता है इसलिए दर्शकों, खासकर भारत-पाकिस्तान अगर एक-दूसरे के यहां खेल रहे हों तब उनके दर्शकों से तटस्थ रहने की उम्मीद रखना तो सपने देखने जैसा ही है

जातीय जनगणना का बिहार वाला फॉर्मूला मोदी के खिलाफ चलेगा क्या?

कांशीराम में बेशक बुद्धि-कौशल और राजनीतिक दूरदर्शिता थी, और उसकी बदौलत आज हमें एक ओबीसी प्रधानमंत्री हासिल है लेकिन जातीय जनगणना का बिहार मॉडल बाकी देश के लिए निराशाजनक ही साबित हो सकता है.

मोदी सरकार को ट्रूडो और कनाडा को जवाब देना चाहिए, लेकिन पंजाब में लड़ने के लिए कोई दुश्मन नहीं

ट्रूडो ने अपने जोश में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, सिर्फ इसलिए पंजाब में अपने ही लोगों के खिलाफ मुहिम छेड़ने की कोई वजह नहीं समझ में आती है.

पंजाबी सिख गुस्से में हैं पर खालिस्तान से उनका लेना-देना नहीं, भारतीय होने पर उन्हें गर्व है

जब पंजाबी नाखुश होते हैं तो वे अपनी सरकार को वोट से हटा देते हैं. वे सत्ता परिवर्तन के लिए मदद मांगने किसी ट्रूडो या गुरपतवंत सिंह पन्नून के पास नहीं जाते.

एंकर्स की लिस्ट जारी करने से पहले विपक्ष को एक बार सोचना चाहिए था, क्या इससे उनका राजनीतिक मकसद पूरा होगा

विपक्षी गठबंधन को पूरा ‘अधिकार’ है कि वह किसका बायकॉट करे. वह अपने नेताओं, सदस्यों और प्रवक्ताओं को कुछ टीवी शो में जाने से मना कर सकता है लेकिन जब वे इन एंकरों के नाम और उनकी सूची जारी करते हैं तब यह मामला विवादास्पद हो जाता है

यूक्रेन मुद्दे पर मनमोहन-राहुल का समर्थन दिखाता है कि भारत की विरोध की राजनीति में अब भी कुछ बाकी है

1983 में NAM शिखर सम्मेलन से लेकर बाइडेन, मैक्रॉन और सुनक के साथ इस G20 द्विपक्षीय बैठक तक के 40 साल भारत के नकली गुटनिरपेक्षता से लेकर आपसी लेन-देन वाली स्वायत्त नीति तक के सफर को दिखाता है.

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ BJP का ‘ब्रह्मास्त्र’ है, यह राज्यों के चुनाव को ‘मोदी बनाम कौन’ में बदलना चाहती है

2024 के बाद अगर कम-से-कम 18 राज्य ऐसे हो जाते हैं जिनमें भाजपा सत्ता में नहीं हैं, तो उसके लिए उस तरह की सत्ता उपभोग करना एक बड़ी चुनौती हो जाएगी जिसकी मोदी सरकार आदी हो चुकी है

मोदी, नेहरू के ‘ग्लोबल साउथ’ को वापस लाए हैं, लेकिन यह भूगोल, भू-राजनीति, अर्थशास्त्र पर खरा नहीं उतरता

ग्लोबल साउथ का विचार, जिसके मुताबिक भारत या इसके नेता, बाकी देशों के अगुआ बन सकते हैं. नरेंद्र मोदी इसके सबसे प्रमुख और ताकतवर ग्लोबल एम्बेसडर बनकर उभरे हैं.

दो दशकों से ठहरा हुआ है पंजाब, उसका कोहरा हटाइए वरना लोग चले विदेश

पंजाबियों को संकट से जूझना आता है. देश के बंटवारे के बाद और फिर 1993 में समाप्त हुए आतंक और उग्रवाद के दौर में उन्होंने यह साबित किया है, लेकिन इसके बाद यह प्रदेश रास्ता भटक गया.

मत-विमत

कांग्रेस का पतन, INDIA ब्लॉक की सबसे बड़ी रुकावट — सुधार की राह विनम्रता से

कांग्रेस के दोबारा मजबूत हुए बिना, बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती नहीं दी जा सकती. मोदी की पार्टी बढ़ रही है और वह भी लगभग पूरी तरह कांग्रेस की कीमत पर.

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राजनीति

देश

दिल्ली : पंजाबी बाग में महिला की उसके ‘प्रेमी’ ने गोली मारकर हत्या की

नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग में शनिवार को 24 वर्षीय एक युवती की उसके 'प्रेमी' ने कथित तौर पर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.