एक तरफ तानाशाही के खिलाफ लड़ाई है, दूसरी तरफ ‘उदारवादी’ मुस्लिम महिलाएं हैं जिन्हें सहयोगी माना जाता है. दुख की बात है कि बहस को कमज़ोर करने से मूल मुद्दे से ध्यान भटक जाता है.
विपक्षी दलों ने वैधानिक निकाय पर ‘रूढ़िवादी मानसिकता’ रखने का आरोप लगाया है, साथ ही कहा है कि इस प्रस्ताव से दर्ज़ी और जिम व्यवसाय के मालिक प्रभावित होंगे.