गांवों में निवेश को वैकल्पिक या दया की निगाह से देखना अनुचित होगा. भारत के गांवों को जलवायु नीति का ज़रूरी हिस्सा समझा जाना चाहिए ताकि देश के ज़्यादातर ग्रामीण लोगों के लिए जलवायु योजनाएं न्यायसंगत, सबको साथ लेकर चलने वाली और टिकाऊ बन सकें.
कॉन्क्लेव में कई अहम समझौते हुए, जिनमें BISAG-N, HUDCO, IIM इंदौर समेत कई संस्थानों से एमओयू शामिल हैं. सिंहस्थ 2028 की कार्ययोजना के लिए IIM इंदौर के साथ भी करार हुआ.