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Friday, 22 November, 2024
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‘गुंडागर्दी है ये’, ED की छापेमारी के बाद CM गहलोत बोले- ऊपर से दबाव के बिना न तो ईडी आती है और न ही CBI

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वे मुझे टारगेट कर रहे हैं, राजस्थान के अंदर उनका टारगेट है लेकिन हम कामयाब होकर दिखाएंगे. इन्होंने आज जो किया उसका जवाब जनता देगी.

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नई दिल्ली: गोविंद सिंह डोटासरा की संपत्तियों पर ईडी के छापे और वैभव गहलोत को ईडी के समन पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज स्थिति चिंताजनक है. सवाल किसी का नहीं है, सवाल मेरे बेटे का नहीं है. आज पूरे देश में आतंक फैला हुआ है.

उन्होंने कहा कि “वैभव गहलोत का जहां तक मुझे अंदाज़ा है यह टैक्सी की एक कंपनी है… उसका मामला है. अब इस कंपनी में किसने किसको शेयर बेचे उसका जवाब कंपनी दे रही है. वे टारगेट तो मुझे कर रहे हैं… राजस्थान के अंदर उनका टारगेट है, हम कामयाब होकर दिखाएंगे. इन्होंने आज जो किया उसका जवाब जनता देगी.”

गहलोत ने आगे कहा कि गुंडागर्दी है ये…ऊपर से दबाव के बिना न तो ईडी आ सकती है और न ही सीबीआई.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को वरिष्ठ शिक्षक द्वितीय श्रेणी प्रतियोगी परीक्षा, 2022 पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की साथ ही वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन भी भेजा गया.

बेटे वैभव गहलोत को ED के सामने पेश होने का समन मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट किया कि “राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहां ED की रेड हुई. मेरे बेटे वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन भेजा गया.”

गहलोत ने आगे कहा कि अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके.

यह छापेमारी राजस्थान के जयपुर में सिविल लाइंस स्थित डोटासरा के आधिकारिक आवास पर की गई.

यह छापेमारी तब हुई है जब राज्य में 25 नवंबर को चुनाव है, जिसने राजनीतिक रंग ले लिया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक तत्काल संवाददाता सम्मेलन भी बुलाया है.

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय भी पेपर लीक मामले में राजस्थान में लगभग एक दर्जन स्थानों पर तलाशी अभियान चला रहा है.

इस महीने की शुरुआत में, ईडी ने पेपर लीक मामले में दिनेश खोदानिया, अशोक कुमार जैन, प्रेरणा चौधरी, सुरेश ढाका और अन्य व्यक्तियों के सात आवासीय परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया था.

अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, विभिन्न संपत्तियों के बिक्री कार्यों की प्रतियां, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 24 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई.

ईडी ने सितंबर में राजस्थान में कथित पेपर लीक मामले में पीएमएलए के प्रावधानों के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीना को गिरफ्तार किया था. कटारा और मीना को जयपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने तीन दिन की अवधि के लिए ईडी की हिरासत मंजूर कर ली.

ईडी ने दावा किया कि जांच से पता चला कि कटारा ने वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड II प्रतियोगी परीक्षा, 2022 का सामान्य ज्ञान प्रश्न पत्र लीक किया था, जो 21 दिसंबर, 22 दिसंबर और 24 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाना था.

ईडी का आरोप है कि कटारा ने लीक हुए प्रश्नपत्र अनिल कुमार मीणा को बेचे. इसके अलावा, मीना ने उक्त लीक हुए कागजात को भूपेन्द्र सरन, सुरेश ढाका और एक सिंडिकेट के अन्य सदस्यों को आपूर्ति की, जो आगे उम्मीदवारों को प्रति उम्मीदवार 8 से 10 लाख रुपये की विचार राशि के लिए प्रदान की गई थी.

इस साल जून की शुरुआत में, ईडी ने आरोपी व्यक्तियों के 15 परिसरों पर तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद हुए. प्रवर्तन एजेंसी ने बाबूलाल कटारा, अनिल मीणा और अन्य की लगभग 3.11 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है.


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