मुंबई: रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को रविवार को अलीबाग के पृथक-वास केंद्र से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलोजा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया. पुलिस ने यह अधिकारी ने दी.
अर्नब को एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिले के अलीबाग जेल के लिए कोविड-19 केंद्र के तौर पर निर्धारित एक स्थानीय स्कूल में न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें कथित तौर पर फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया, जिसके बाद उन्हें तलोजा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.
अधिकारी ने कहा कि रायगढ़ अपराध शाखा ने गोस्वामी को किसी अन्य के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर सक्रिय पाया. चार नवम्बर को हिरासत में लेते समय पुलिस ने उनके निजी मोबाइल फोन को जब्त कर लिया था.
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तलोजा जेल ले जाते समय गोस्वामी ने पुलिस की गाड़ी से चिल्लाते हुए आरोप लगाया कि शनिवार की शाम को अलीबाग के जेलर ने उनकी पिटाई की, उनका जीवन खतरे में है और उन्हें अपने वकील से बात नहीं करने दिया जा रहा है.
इस बीच, रिपब्लिक टीवी की वरिष्ठ कार्यकारी संपादक और अर्नब गोस्वामी की पत्नी सम्यब्रत राय गोस्वामी ने कहा कि उन्हें फर्जी आरोपों में फंसाया गया है.
उन्होंने कहा, ‘आज सुबह, मेरे पति को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा खींचकर पुलिस वैन में बैठाया गया और तलोजा जेल ले जाया गया. वह बार-बार कह रहे थे कि उनकी जान खतरे में है. उन्होंने चार रातें न्यायिक हिरासत में बिताई हैं.’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘वह बार-बार कह रहे थे कि जेलर ने उनकी पिटाई की, उनका जीवन खतरे में है और उन्हें अपने वकील से बात नहीं करने दी जा रही है.’
उन्होंने कहा, ‘एक निर्दोष व्यक्ति और दशकों से प्रतिष्ठित पत्रकार, जो राष्ट्र के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे है, उनपर फर्जी आरोप लगाकर उनके साथ मारपीट, उत्पीड़न किया गया और फंसाया गया है. उन्हें जेल में डाल दिया गया है.’
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने एक ट्वीट कर बताया कि रविवार को उन्होंने तलोजा जेल के जेलर से मुलाकात की और जेलर ने आश्वासन दिया कि गोस्वामी का उत्पीड़न नहीं होगा और उन्हें आवश्यक चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी.
गोस्वामी और दो अन्य व्यक्ति — फिरोज शेख तथा नीतीश सारदा को अलीबाग पुलिस ने चार नवम्बर को आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां की 2018 में आत्महत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया. आरोपियों की कंपनी को कथित तौर पर भुगतान नहीं मिलने के कारण वे आत्महत्या के लिए बाध्य हुए थे.
गोस्वामी को मुंबई में लोअर परेल स्थित उनके आवास से गिरफ्तार करने के बाद अलीबाग ले जाया गया था, जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें और दो अन्य को 18 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
इसके बाद गोस्वामी को एक स्थानीय स्कूल में ले जाया गया, जिसे अलीबाग जेल के लिए कोविड-19 केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है.
बम्बई उच्च न्यायालय कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोस्वामी और दो अन्य द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार को अपना आदेश सुनायेगा.
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