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Friday, 22 November, 2024
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कोरोना के कारण छोटी की गई भूमि पूजन इनवाइटीज की सूची, ‘दो गज की दूरी’ पर गेस्ट के बैठने की तैयारी

ट्रस्ट की ओर से भेजे गए पीले रंग के इनवाइट लैटर में लिखा है- 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किए जाने वाले एतिहासिक क्षण का आमंत्रण देते हुए हम उल्लास महसूस कर रहे हैं.'

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अयोध्या: अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, अयोध्या जिला प्रशासन और राम मंदिर ट्रस्ट तैयारियों में लगे हुए हैं लेकिन इस कार्यक्रम पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. इसे एक बड़ी चुनौती की तरह देखते हुए आयोजकों ने इनवाइटीज़ की लिस्ट को छोटा कर दिया है.

अब महज़ 162 लोगों को भूमि पूजन का निमंत्रण दिया गया है जिनमें 80 से अधिक संत हैं. वहीं कुछ बीजेपी नेता, आरएसएस पदाधिकारी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता शामिल हैं.

ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पहले 267 इनवाइटीज़ की लिस्ट बनाने की तैयारी थी लेकिन जिस तरह से यूपी में कोरोना का कहर बढ़ रहा है उसे ध्यान में रखते हुए लिस्ट को छोटा किया गया है.

पीएम मोदी के सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिए गए स्लोगन– ‘दो गज दूरी है जरूरी ‘ को भी इस कार्यक्रम में लागू करने की तैयारी है. बैठने की व्यवस्था इसी आधार पर की जा रही है.

मंदिर ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पीएम के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ही मंच पर उपस्थित रहेंगे. सभी पांचों लोगों को एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर बैठाया जाएगा.


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ईमेल से भेजा गया पीले रंग का इनवाइट

ट्रस्ट की ओर से पीले रंग का इनवाइट लेटर सबको ई-मेल किया गया है. इस इनवाइट में लिखा है- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किए जाने वाले ऐतिहासिक क्षण का आमंत्रण देते हुए हम उल्लास महसूस कर रहे हैं.’

इसमें ये भी लिखा है कि 4 अगस्त की शाम को अयोध्या के कारसेवकपुर पधारें.

पीला रंग चुनने की अहम वजह के बारे में ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य बताते हैं कि आयोजन का ये थीम कलर है. अयोध्या में इसी रंग से पुताई की गई है.

देशभर के बड़े संतों को बुलाया गया

ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, देश भर के कई बड़े संतों को कार्यक्रम में बुलाया गया है. इनमें योग गुरू बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर के अलावा पुष्कर के रामेश्वरानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के नरेंद्र गिरी, मथुरा के विजय कौशल महाराज, साध्वी ऋतंभरा, महंत फूलडोल बिहारी दास शामिल हैं.

मैनपुरी के देवी संपदा मंडल महानिर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज, छत्तीसगढ़ के शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर, हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी व राजस्थान के भिलवाड़ा के स्वामी हंसराम को भी बुलाया जा रहा है.

वाराणसी से पांच संतों को बुलाया गया है जिनमें ज्योतिषी रामनारायण द्विवेदी, रामनारायण पांडेय, बीएचयू ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विनय पांडेय, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती और महंत संतोष दास को भी इस कार्यक्रम में बुलाया जा रहा है.


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योगी कैबिनेट से कुछ ही होंगे शामिल

प्रधानमंत्री मोदी व उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा बीजेपी नेताओं में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, उमा भारती, विनय कटियार शामिल हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह व यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह कोरोना पॉजिटिव होने के कारण शामिल नहीं हो पाएंगे.

योगी कैबिनेट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना व धर्मार्थ कार्यमंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के शामिल होने की उम्मीद है.

पिछले दिनों कई बड़े उद्योगपतियों के भी शामिल होने की चर्चाएं थीं. हालांकि इस पर अभी कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को भी आखिरकार आमंत्रण भेज दिया गया है.

बता दें कि मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को तीन दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है. ऐसे में उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने पर संशय बना हुआ है. दरअसल 30 जुलाई को उनके सहयोगी पुजारी प्रदीप दास सहित 14 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. हालांकि आचार्य सत्येंद्र दास का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है.

‘सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा रखेंगे ध्यान’

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दिप्रिंट से कहा कि भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कार्यक्रम में इनवाइटीज़ को दो गज की दूरी पर ही बैठाने की कोशिश रहेगी.

अयोध्या के आम लोगों से उन्होंने अपील की है कि इस पूजन को घर पर टीवी पर ही देखें क्योंकि मंदिर परिसर में भूमि पूजन के दिन एंट्री नहीं होगी. वहीं चंपत ने लोगों को मंदिर से जुड़ी फेक न्यूज़ से भी बचने को कहा है.

उनका कहना है, ‘टीवी चैनल व सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि मंदिर में सोने-चांदी की ईंट, टाइम कैप्सूल जैसी चीजें केवल ‘बुद्धि विलास’ हैं. ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. लोग दूर-दूर से गंगा जल समेत तमाम नदियों का जल पूजा के लिए भेज रहे हैं, ये सत्य है. ईंटे भी भेजी गई हैं लेकिन इसका इस्तेमाल पूजा में नहीं होगा. भूमि पूजन अपने परंपरागत तरीके से किया जाएगा’.


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