नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर गुरुवार को यूक्रेन पर सैन्य हमले के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश के नागरिकों से हथियार उठाने को कहा है ताकि देश की संप्रभुता बनी रहे.
रूस ने यूक्रेन के तमान सैन्य ठिकानों पर निशाना बनाया है. पुतिन ने कहा है कि पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने की उनकी कोई योजना नहीं है बल्कि ये कार्रवाई सिर्फ आत्मरक्षा में की जा रही है. रूस के हमले में कई नागरिकों की मौत भी हुई है.
पुतिन ने कहा कि आधुनिक यूक्रेन का जो स्वरूप है वो रूस का बनाया हुआ है और अलग राष्ट्र का कोई इतिहास नहीं है.
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में अफरा-तफरी का माहौल है और वहां की सड़कों पर रोत-बिलखती महिलाएं और इधर-उधर भागते लोग नजर आए. बैंकों के बाहर लंबी कतारें हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार रूस के हमले में अब तक उनके देश के 40 सैनिक और 10 नागरिकों की मौत हो चुकी है. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार यूक्रेन की राजधानी कीव के पास मिलिट्री प्लेन क्रैश कर गया है जिसमें 14 लोग सवार थे.
उन्होंने कहा, ‘हम किसी को भी हथियार देंगे जो देश की रक्षा करना चाहता है. हमारे शहरों के क्षेत्र में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए तैयार रहें.’ इस बीच यूक्रेन ने रूस के साथ अपने राजनयिक संबंध भी तोड़ लिए हैं.’
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मास्को की दो दिवसीय यात्रा पर हैं.
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यूक्रेन के राजदूत ने कहा- भारत के रुख से असंतुष्ट
भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने गुरुवार को कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है. साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिये भारत से समर्थन मांगा.
भारत में यूक्रेन के राजदूत ने कहा कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिये वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल हैं जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुनते हैं और नई दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये कर सकता है.
राजदूत ने कहा कि संकट को लेकर भारत के रुख को यूक्रेन देख रहा है और इससे ‘काफी असंतुष्ट’ है.
वहीं, सोमवार की रात को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा. भारत ने इस बात पर जोर दिया था कि तनाव खत्म करना तात्कालिक प्राथमिकता है और इसमें सभी पक्षों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखा जाए.
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शांति कायम हो और युद्ध की स्थिति न बनें: राजनाथ सिंह
यूक्रेन में भारत के करीब 20 हजार लोग रहते हैं. भारत सरकार ने कहा है कि सभी लोगों को वहां से निकालने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने अपनी तीसरी एडवाएजिरी में लोगों से बम शेल्टर्स में जाने को कहा है.
रूस के हमले के बाद यूक्रेन का एयर बेस बंद हो चुका है जिस वजह से लोगों को निकालने में दिक्कतें आ रही हैं. यूक्रेन से बुधवार देर रात करीब 240 छात्र भारत लौटे हैं वहीं गुरुवार को एयर इंडिया का एक विमान को बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘छात्रों समेत सभी नागरिकों को निकालने के लिए हमारी सरकार सभी तरह के प्रयास कर रही हैं. भारत चाहता है कि शांति कायम हो और युद्ध जैसी स्थिति न बनें.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने पहले भी एडवाइजरी जारी की थी. सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं. हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे जो बच्चे वहां हैं उन्हें निकाला जाए. वहां स्थिति विषम है. प्लेन भेजा गया था, लेकिन प्लेन वहां उतारा नहीं जा सका.’
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है- +380 997300428, +380 997300483.
Indian Embassy in Ukraine says the present situation in #Ukraine is highly uncertain; set up 24-hour Emergency helpline, which can be accessed by dialing +380 997300428, +380 997300483. pic.twitter.com/oe5KmA7bW2
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 24, 2022
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अमेरिका, यूके के बाद नेटो लगाएगा रूस पर प्रतिबंध
अमेरिका और यूके के बाद नेटो भी रूस पर प्रतिबंध लगाने को तैयार है.
नेटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नेटो यूक्रेन में रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है. हम रूस से सैन्य कार्रवाई को तुरंत बंद करने और यूक्रेन से पीछे हटने का आह्वान करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘नेटो यूक्रेन के साथ एकजुटता से खड़ा है. नेटो पूरी दुनिया में यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगियों से समन्वय बनाकर रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए 100 से अधिक जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज हैं. गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे. आगे की स्थिति पर विचार करने के लिए नेटो नेता कल बैठक करेंगे.’
बता दें की जी-7 देश के नेता भी यूक्रेन पर आए संकट को लेकर जल्द मुलाकात करने वाले हैं.
यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों पर पहले ही पाबंदियां लगा दी हैं.
जानसन ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर के खूनखराबे का रास्ता चुना है. यूके और उसके सहयोगी देश इस पर जवाबी कार्रवाई करेंगे.’
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ निर्णायक जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर बेवजह हमला किया है.
Russia alone is responsible for the death and destruction this attack will bring, and the United States and its Allies and partners will respond in a united and decisive way.
The world will hold Russia accountable.
— President Biden (@POTUS) February 24, 2022
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रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को दी थी मान्यता
रूस ने यूक्रेन के दो अलगाववादी प्रांतों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता दी थी जिसके बाद पुतिन ने कहा था कि रूस की सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वहां शांति स्थापित करेंगी.
दोनेत्स्क और लुहान्स्क दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है. हालांकि ये आशंका भी जताई जा रही है कि रूसी सेना यूक्रेन की पूर्वी इलाके से आगे भी बढ़ सकती है.
रूस चाहता है कि यूक्रेन नेटो का सदस्य देश न बने. इसके लिए वो काफी दिनों से अपनी बात भी रख रहा था. रूस को डर है कि अगर यूक्रेन नेटो का सदस्य बन गया तो नेटो की सेना की पहुंच उसकी सीमा तक हो जाएगी.
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अर्थव्यवस्था पर असर
यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर देखने को मिला है. कई देशों के स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट देखने को मिली है.
कच्चे तेल के दाम भी 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुके हैं, जो कि बीते कुछ समय में सबसे ज्यादा है.
रूस के हमले के बाद इस बात की भी आशंका है की वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होगी क्योंकि सऊदी अरब के बाद रूस ही सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक भी है.
भारतीय बाजार पर भी रूस के फैसले का असर देखने को मिला है. सेंसेक्स में 2700 से ज्यादा प्वाइंट्स की गिरावट हुई है और निफ्टी भी फिसला है.
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