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Saturday, 9 November, 2024
होमराजनीतिPM मोदी ने विपक्ष को घेरा, कहा- 'जो सोच रहे थे कि UP के लोग बंट जाएंगे, उनके सारे गणित पड़ गए उल्टे'

PM मोदी ने विपक्ष को घेरा, कहा- ‘जो सोच रहे थे कि UP के लोग बंट जाएंगे, उनके सारे गणित पड़ गए उल्टे’

भारत ने जिस तरह दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया, उस पर हर भारतीय को गर्व है. पहले दिन से ये अभियान नियमों के अनुसार और अनुशासन के साथ चला.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेठी पहुंचे. उन्होंने वहां गौरीगंज के कौहार स्थित मैदान में चुनावी रैली को संबोधित किया. मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर परिवारवादी राजनीति करने का आरोप लगाया और पार्टी का जनता का असली हमदर्द बताया.

मोदी बोले, ‘आज मैं ऐसे दो विषयों की चर्चा करूंगा जिसके हमारे देश के, उत्तर प्रदेश के नागरिक भुक्तभोगी रहे हैं इन विषयों में पहला है- वोटबैंक की पॉलिटिक्स और दूसरा- परिवारवादी राजनीति. जब मैं दो विषयों की चर्चा करता हूं, तो ये परिवारवादी लोग मुंह पर ताला लगा लेते हैं.

आगे बोले, ‘एक समय था जब इन नेताओं ने वोटबैंक पॉलिटिक्स को, तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया, उसे खाद-पानी दिया. आज वोट बैंक की इसी पॉलिटिक्स ने, तुष्टीकरण की इसी राजनीति ने इन नेताओं को अपना बंधक बना लिया है. अब वोट बैंक की पॉलिटिक्स ही उनकी मजबूरी बन गयी है.

हमारी ताकत कोई बाहुबली या माफिया नहीं है

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘जो घोर परिवारवादी सोच रहे हैं कि यूपी के लोग बंट जाएंगे, बिखर जाएंगे, देशहित, उत्तर प्रदेश के हितों और अपने क्षेत्रों के हितों को भूल जाएंगे. उन सबके सारे गणित उल्टे पड़ गए हैं, उन्हें सच्चाई का पता 10 मार्च को चल जाएगा. अमेठी और सुल्तानपुर के लोग तो जानते ही हैं कि परिवारवादी लोग जमीनी हकीकत से इतनी दूर हैं कि जमीन पर क्या चल रहा है, इन्हें दिखाई ही नहीं पड़ता.’

आगे बोले, ‘आज दशकों बाद यूपी में ऐसा चुनाव हो रहा है जब कोई सरकार अपने किए विकास कार्यों के आधार पर, गरीब के हित में किए कार्यों के आधार पर वोट मांग रही है. वर्षों बाद ऐसा हुआ है जब यूपी की सरकार, सुधरी हुई कानून व्यवस्था पर वोट मांग रही है.’

पीएम लगातार विपक्षी पार्टियों पर हमलावर रहे और उन्होंने कहा, ‘ये जो परिवारवादी लोग होते हैं, वो सत्ता में इसलिए आना चाहते हैं ताकि अपनी और अपने परिवार की ताकत बढ़ा सकें और राजा-महाराजा की तरह आप पर राज कर सकें. हमें किसी ताकत के लिए सत्ता नहीं चाहिए. न ही हमारी ताकत कोई बाहुबली या माफिया है.’

परिवारवादी राजनीति से भी देश का बहुत नुकसान होता है. परिवारवादी राजनीति में पार्टी का अध्यक्ष परिवार का होता है, सभी महत्वपूर्ण पदों पर उसी परिवार के लोग बैठे होते हैं. महत्वपूर्ण पदों पर दावेदारी उसी परिवार के सदस्यों की होती है. पार्टी में कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं होता.


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कोई भगदड़ नहीं, कोई ब्लैक मार्केटिंग नहीं हुई

पीएम आगे बोले, ‘इन लोगों ने भारत में बनी वैक्सीन को बदनाम करने की कोशिश की, यहां तक कह दिया ये तो भाजपा की वैक्सीन है’. इन परिवारवादियों का वैक्सीन को लेकर जो रवैया रहा है, वो भी पूरे उत्तर प्रदेश, पूरे देश ने देखा है.

भारत ने जिस तरह दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया, उस पर हर भारतीय को गर्व है. पहले दिन से ये अभियान नियमों के अनुसार और अनुशासन के साथ चला.

मोदी बोले, ‘घोर परिवारवादियों की इज्जत ही इतनी जमीन पर पहुंच गई है कि खुद इनके कार्यकर्ताओं ने भी इनकी बात नहीं सुनी और वैक्सीन लगवाई. भारत ने जिस तरह दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया, उस पर हर भारतीय को गर्व है. पहले दिन से ये अभियान नियमों के अनुसार चला.’

ये परिवारवादी सरकार में होते तो सारी लाइनें तोड़कर खुद सबसे पहले वैक्सीन लगवाते. आप ये भी देखिए मैंने भी वैक्सीन तब लगवाई जब नियम से मेरा नम्बर आया.

जनता जानती है भाजपा उनके सुख दुख में साथ है

पीएम आगे बोले, ‘हमें किसी ताकत के लिए सत्ता नहीं चाहिए. न ही हमारी ताकत कोई बाहुबली या माफिया है. हमारी ताकत उत्तर प्रदेश की जनता है, यहां के गरीब हैं, यहां की माताएं-बहनें हैं. वो देख रहे हैं कि पिछले 5 साल में भाजपा सरकार ने कैसे उसकी भलाई के लिए काम किया है.’

आज का दिन मेरे जीवन का विशेष दिन है. क्योंकि आज ही पीएम किसान सम्मान निधि को 3 साल पूरे हुए हैं. जब 2019 में हमने ये योजना शुरू की थी, तो कई लोग अफवाहें, भ्रम फैला रहे थे कि मोदी ये योजना चुनाव के पहले लाए हैं, चुनाव के बाद ये योजना बंद कर देंगे. विरोधी दिन-रात यही चला रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, ’56 निर्दोष लोगों को कुछ ही मिनटों में बम धमाके में मारने वाले 38 आतंकवादियों को गुजरात की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. इस फैसले से आप सबको संतोष हुआ मानवता के दुश्मनों को फांसी हो गई लेकिन वोटबैंक के डर से इन पार्टियों ने अदालत के फैसले का स्वागत करने तक की हिम्मत नहीं दिखाई.’


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