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Thursday, 25 April, 2024
होमविदेशइस्लामी क्रांति के बाद कोरोनावायरस की महामारी ने ईरान में लोगों को घरों से निकल, कार में बैठकर फिल्म देखने का दिया मौका

इस्लामी क्रांति के बाद कोरोनावायरस की महामारी ने ईरान में लोगों को घरों से निकल, कार में बैठकर फिल्म देखने का दिया मौका

कोरोनावायरस की वजह से स्टेडियम और सिनेमाघर बंद हैं ऐसे में ईरान ने दशकों बाद कार पार्किंग में फिल्म का प्रदर्शन एक मात्र सामाजिक मेलमिलाप का तरीका ढूंढा है.

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तेहरान: ईरान में कोरोनावायरस की महामारी की वजह से हजारों लोग जान गंवा चुके हैं. देशवासियों को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए देश में लॉकडाउन है. इसी बीच ईरान सरकार ने लोगों के मनोरंजन के लिए 1779 की इस्लामी क्रांति के बाद पहलीबार लोगों को ड्राइव-इन-थियेटर में फिल्में देखने की सौगात दी है. यानी लोग अपनी-अपनी कारों से घर से बाहर निकले और मीलाद टावर की कार पार्किंग में पहुंचे जहां बड़ा सा स्क्रीन लगाया गया था वहां पहुंचकर अपनी-अपनी कार में बैठकर फिल्म देखने का मजा लिया.

एक समय था जब इस्लामी क्रांति के अलमबरदार अविवाहित युवा जोड़ों को बहुत अधिक निजता देने के खिलाफ थे, लेकिन इस महामारी की वजह से आज तेहरान के प्रसिद्ध मीलाद टॉवर की कार पार्किंग में जोड़ों को बैठकर फिल्म देखने की व्यवस्था की गई है.

मीलाद टॉवर की पार्किंग में ऑनलाइन टिकट खरीदने के बाद हर रात यहां आने वाली कारें कतार में खड़ी होती हैं और उन्हें कर्मचारी संक्रमण मुक्त करते हैं. फारसी भाषा में इसे सिनेमा मशीन कहते हैं. फिल्म दर्शकों को आवाज कार में मौजूद एफ रेडियो स्टेशन के जरिये सुनाई देती है.

कोरोनावायरस की वजह से स्टेडियम और सिनेमाघर बंद हैं ऐसे में कार पार्किंग में फिल्म का प्रदर्शन एक मात्र सामाजिक मेलमिलाप का तरीका है. ईरान कोरोनावायारस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है जहां 98,600 से अधिक लोगों के कोविड-19 होने की पुष्टि हो चुकी है और करीब 6,200 लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं.

पार्किंग में अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखने आए 36 वर्षीय बेहरुज पुरनिजाम ने कहा,‘यह बहुत ही आकर्षक था, कम से कम मेरी उम्र के लोगों के लिए यह पहली बार हो रहा है.’

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उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो अधिकतर लोग उत्सुकता की वजह यहां हैं, फिल्म अपने आप में कोई मायने नहीं रखती. मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि इस फिल्म को किसने बनाया है या यह किस बारे में है.’

यहां फिल्म ‘विस्थापना’ दिखाई गई जिसका निर्माण रिवोल्यूशनरी गार्ड के संबद्ध कंपनी ने किया है.

फिल्म के निर्माता इब्राहीम हतामिकिया ने फिल्म के विषय को कपास किसानों पर केंद्रित किया है जिनकी फसल स्थानीय बांध से समुद्र का खारा पानी आने से खराब हो गई है.

फिल्म देखने आई आतिफा सुहैली ने घर से बाहर मनोरंजन की व्यवस्था होने पर प्रसन्नता जताई. उन्होंने कहा, ‘ मैं यहां हाथ साफ कर बैठी हूं और मैं कुछ खाना चाहती हूं थोड़ा आराम करना चाहती हैं लेकिन अब मुझे अन्य लोगों से सामाजिक दूरी बनाने को चिंता करने की जरूरत नहीं है.’

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