नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) स्विट्जरलैंड स्थित खेल पंचाट (सीएएस) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अपील समिति के चर्चिल ब्रदर्स को आई लीग खिताब देने के फैसले को खारिज कर दिया जिसके बाद इंटर काशी को शुक्रवार को आई लीग चैंपियन घोषित किया गया।
एआईएफएफ ने गोवा के क्लब चर्चिल ब्रदर्स को आई लीग चैंपियन घोषित किया था और इसकी अपील समिति ने एक ‘अयोग्य खिलाड़ी’ को मैदान में उतारने से संबंधित मामले में इंटर काशी के खिलाफ फैसला सुनाया था। वाराणसी का यह क्लब अंक काटे जाने के बाद दूसरे स्थान पर रहा था।
लेकिन इंटर काशी की अपील पर खेल पंचाट ने एआईएफएफ से चर्चिल ब्रदर्स को 2024-25 सत्र का खिताब देने के अपने फैसले को पलटने को कहा है।
लुसाने स्थित खेल पंचाट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘एआईएफएफ को तुरंत इंटर काशी एफसी को आई लीग 2024-25 सत्र का विजेता घोषित करना चाहिए। ’’
इसमें कहा गया, ‘‘अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अपील समिति द्वारा 31 मई 2025 को जारी किए गए फैसले के खिलाफ इंटर काशी एफसी की चार जून 2025 को दायर अपील आंशिक रूप से बरकरार रखी जाती है। ’’
खेल पंचाट ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अपील समिति द्वारा 31 मई 2025 को जारी किए गए फैसले को रद्द किया जाता है। ’’
इंटर काशी ने इस तरह एआईएफएफ अपील समिति के फैसले के खिलाफ दूसरी अपील जीती है। पिछले महीने भी फैसला इंटर काशी के पक्ष में रहा था।
इस तरह इंटर काशी ने देश की दूसरी श्रेणी की क्लब प्रतियोगिता में भाग लेने के अपने दूसरे ही सत्र में आई लीग का खिताब जीत लिया। टीम अपने पहले आई लीग सत्र 2023-24 में चौथे स्थान पर रही थी।
नियमों के अनुसार इंटर काशी को 2025-26 सत्र में शीर्ष स्तरीय इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में पदोन्नत किया जाएगा। हालांकि एआईएफएफ और आयोजक फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) के बीच आठ दिसंबर को समाप्त होने वाले ‘मास्टर राइट्स एग्रीमेंट’ के नवीनीकरण के मुद्दे पर अनिश्चितता के कारण आईएसएल स्थगित कर दिया गया है।
ऐसे ही 2022-23 और 2023-24 के आई लीग चैंपियन क्रमशः पंजाब एफसी और मोहम्मडन स्पोर्टिंग को आईएसएल में पदोन्नत किया गया था।
खेल पंचाट ने अपने फैसले में एआईएफएफ से आई-लीग 2024-25 की अंक तालिका में संशोधन करके इंटर काशी को शीर्ष स्थान पर रखने को भी कहा।
इसके अनुसार इंटर काशी एफसी को 42 अंक मिलेंगे और चर्चिल ब्रदर्स 40 अंक हासिल करके दूसरे स्थान पर रहेगा जबकि रीयल कश्मीर 37 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहेगा।
इससे पहल चर्चिल ब्रदर्स 40 अंक के साथ शीर्ष पर था। उसके बाद इंटर काशी (39) और रीयल कश्मीर (37) का स्थान था।
वहीं एआईएफएफ को मध्यस्थता की लागत का 55 प्रतिशत (जो लगभग 3,000 स्विस फ्रैंक और लगभग 3,22,275 रुपये) इंटर काशी को देना होगा जबकि मामले के अन्य पक्ष (चर्चिल ब्रदर्स, नामधारी एफसी और रीयल कश्मीर) को 15-15 प्रतिशत (लगभग 1,000 स्विस फ़्रैंक या लगभग 1,07,413 रुपये) का भुगतान करना होगा।
खेल पंचाट ने कहा, ‘‘एआईएफएफ चर्चिल ब्रदर्स एफसी गोवा, नामधारी एफसी और रियल कश्मीर एफसी प्रत्येक को मध्यस्थता कार्यवाहियों के दौरान होने वाले कानूनी खर्चों और अन्य खर्चों के लिए कानूनी योगदान के तौर पर 3,000 स्विस फ्रैंक (तीन हजार स्विस फ्रैंक) की राशि का भुगतान करेगा और इंटर काशी को 1,000 स्विस फ्रैंक की राशि का भुगतान करेगा। ’’
इंटर काशी ने 17 जून को खेल पंचाट में एआईएफएफ की अपील समिति के खिलाफ 13 जनवरी को नामधारी एफसी के खिलाफ मैच के संबंध में अपनी पहली अपील जीत थी।
शुकवार को खेल पंचाट के फैसले वाली इंटर काशी की दूसरी अपील एआईएफएफ अपील समिति द्वारा चर्चिल ब्रदर्स और रीयल कश्मीर के पक्ष में दिए गए फैसले से संबंधित थी।
इन क्लबों ने आरोप लगाया था कि इंटर काशी ने 2024-25 सत्र के दौरान सातवें विदेशी खिलाड़ी को पंजीकृत करके आई लीग नियमों का उल्लंघन किया है जबकि केवल छह को ही अनुमति दी गई थी।
चर्चिल ब्रदर्स छह अप्रैल को अंतिम दौर के बाद 40 अंक के साथ तालिका में अस्थायी रूप से शीर्ष पर रहा था। लेकिन उनका खिताब इंटर काशी के 13 जनवरी को नामधारी एससी के खिलाफ मैच के ‘विवादित अंक’ के नतीजे पर निर्भर था। इस मैच को नामधारी ने 2-0 से जीता था।
एआईएफएफ की अनुशासनात्मक समिति ने नामधारी द्वारा ‘अयोग्य खिलाड़ी’ को मैदान में उतारने का फैसला सुनाते हुए इंटर काशी को 3-0 की जीत से तीन अंक दिए थे। हालांकि बाद में एआईएफएफ की अपील समिति ने चर्चिल के पक्ष में फैसला सुनाया।
अपनी अपील समिति के फैसले के आधार पर एआईएफएफ ने चर्चिल ब्रदर्स को आई लीग चैंपियन घोषित किया था और विजेता ट्रॉफी गोवा के क्लब को सौंपी थी।
भाषा नमिता आनन्द
आनन्द
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.