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Wednesday, 20 November, 2024
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मायावती की बसपा में तीन युवा नेता हैं, जिन्हें माना जा रहा है पार्टी की नेक्स्ट जेनरेशन

मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उत्तराधिकारी को नामित करने नहीं जा रही हैं क्योंकि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन बसपा में कम से कम तीन ऐसे युवा चेहरे हैं, जिनके बारे में पार्टी नेताओं का मानना है कि नेतृत्व के मामले में दूसरे पायदान पर हैं.

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लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने हाल ही में घोषणा की थी कि उन्हें उत्तराधिकारी नियुक्त करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं, लेकिन यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे आकाश आनंद को अब सार्वजनिक तौर पर काफी सक्रिय देखा जा रहा है और उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी की गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी भी शुरू कर दी है.

मायावती ने उन्हें राजनीतिक तौर पर 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले लॉन्च किया था, जब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया था.

हालांकि, आकाश बसपा में अकेला युवा चेहरा नहीं है.

बसपा महासचिव और पार्टी के सेकंड-इन-कमान सतीश मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा भी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलनों को संबोधित कर रहे हैं. सतीश मिश्रा के दामाद परेश मिश्रा भी जमीनी स्तर पर पार्टी के आयोजनों का प्रबंधन करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

इन तीनों को बसपा की अगली पीढ़ी का नेता माना जा रहा है, जिन्हें आलाकमान का पूरा समर्थन हासिल है.

बसपा के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में उनका बढ़ता प्रभाव स्पष्ट नजर आता है.

सूत्र के मुताबिक, ‘लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय में बहनजी (मायावती) और सतीश मिश्रा की कारों के अलावा केवल आकाश, कपिल और परेश की कारों को ही प्रवेश द्वार पर चेक नहीं किया जाता है. यह पार्टी में उनकी हैसियत को दर्शाता है. किसी और को बिना सुरक्षा जांच पार्टी दफ्तर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यहां तक कि पार्टी के सांसद और विधायक भी सुरक्षा जांच के बाद ही अंदर जाते हैं.’

सूत्र ने आगे कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों ने भी इन तीनों को नेतृत्व के मामले में दूसरे पायदान के नेता मानना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘तमाम नेताओं को इन युवाओं के माध्यम से ही बहनजी के साथ मुलाकात का समय मिलता है.’


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भतीजे का उदय

उन्हें औपचारिक रूप से तो पार्टी में 2019 में शामिल किया गया था लेकिन 26 वर्षीय आकाश को इसके पहले मायावती 2017 में तब सुर्खियों में लाई थीं, जब उसी साल सितंबर में उन्होंने उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलवाया था.

बसपा के एक दूसरे सूत्र ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में पार्टी में आकाश की गतिविधियां तेज हो गई हैं.

सूत्र ने कहा, ‘आकाश न केवल पार्टी की सभी अहम बैठकों में हिस्सा लेते हैं, बल्कि इनमें से कई बैठकों को संबोधित भी करते हैं, खासकर तब जब मायावती उसमें मौजूद नहीं होती हैं.’

उन्होंने बताया, ‘वह अपने संबोधन की शुरुआत ‘बहनजी का संदेश’ के साथ करते हैं और पार्टी की रैलियों और अन्य कार्यक्रमों से संबंधित विचारों और रणनीतियों को साझा करते हैं. उन्हें अब मायावती और सतीश मिश्रा के बाद पार्टी में तीसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जा रहा है.’

बसपा के एक तीसरे सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में आकाश पंजाब के चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन किया है.

सूत्र ने कहा, ‘जब पंजाब में इस गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब वह वहीं मौजूद थे. वह पिछले कुछ हफ्तों से गठबंधन को लेकर पार्टी की बैठकों को भी संबोधित कर रहे हैं. आकाश ने हाल ही में जालंधर में बसपा की अलख जगाओ रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने बहुजन आंदोलन में कांशीराम के योगदान के बारे में बताया.’

सूत्र ने बताया कि हालांकि आकाश का ध्यान पंजाब पर ज्यादा है, लेकिन वह यूपी चुनाव के लिए बसपा की रणनीतिक टीम का भी हिस्सा हैं.

सूत्र ने कहा, ‘आने वाले दिनों में हम उन्हें पश्चिमी यूपी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते देखेंगे. वह तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार में हुए चुनावों के दौरान पार्टी की रणनीतिक योजना तैयार करने वाली टीम का हिस्सा थे, लेकिन यूपी चुनावों के लिए उनकी निश्चित तौर पर एक बड़ी भूमिका होगी. वह कई युवा सभाओं को संबोधित कर सकते हैं, क्योंकि पार्टी पहली और दूसरी बार के मतदाताओं पर ज्यादा फोकस करना चाहती है.

बसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि आकाश एक और मोर्चे—सोशल मीडिया—पर अपनी बुआ की मदद कर रहे हैं.

मायावती को ट्विटर पर लाने में भी आकाश का ही हाथ है. उनका सोशल मीडिया अकाउंट मैनेज करने में उनकी टीम की मुख्य भूमिका है. इन दिनों मायावती लगभग हर रोज ट्वीट करती हैं. पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता बढ़ी है. आकाश और उनकी टीम कंटेंट और ग्राफिक्स को भी देखती है.’


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बसपा के ‘सबसे युवा ब्राह्मण चेहरे’

35 वर्षीय कपिल मिश्रा को बसपा का सबसे युवा ब्राह्मण चेहरा बताया जा रहा है. नोएडा में पढ़े-लिखे वकील कपिल पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलनों को संबोधित करते रहे हैं.

कपिल के जीजा परेश मिश्रा भी पार्टी में सक्रिय हैं. वह न केवल अहम बैठकों में हिस्सा लेते हैं बल्कि अनौपचारिक तौर पर पार्टी का मीडिया प्रबंधन भी संभालते हैं.

कपिल और परेश दोनों की भूमिका मुख्यत: यूपी की राजनीति पर केंद्रित है.

सतीश मिश्रा के कार्यालय के एक सूत्र के मुताबिक, ‘कपिल और परेश ब्राह्मण सम्मेलनों का प्रबंधन संभालते हैं, जो ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के पार्टी के सबसे महत्वाकांक्षी अभियानों में से एक है. कार्यकर्ताओं के बीच भी कपिल और परेश को स्वीकार्यता मिल रही है, क्योंकि दोनों ही पार्टी आलाकमान के करीबी हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इन ब्राह्मण सम्मेलनों के पीछे इन दोनों का ही दिमाग है. पार्टी के अंदर लोग पिछले कुछ हफ्तों से मीडिया की तरफ से बसपा पर ध्यान केंद्रित किए जाने के पीछे भी उनकी भूमिका की सराहना करते हैं.’


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