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Friday, 26 April, 2024
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‘अपने समाज के लिए आपने क्या किया?’- UP में टिकट के लिए BSP नेताओं को देना होगा इस सवाल का जवाब

बसपा नेताओं का कहना है कि संभावित उम्मीदवारों को अपनी जाति के लिए किए गए कार्यों की जानकारी देने के साथ यह भी बताना होगा कि उन्होंने बहुजन आंदोलन के लिए क्या किया है.

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लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य के हर निर्वाचन क्षेत्र से संभावित उम्मीदवारों के आवेदन आमंत्रित करने शुरू कर दिए हैं.

पार्टी ने कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं, जिनमें सबसे अहम यह है कि संभावित उम्मीदवार को यह ब्योरा देना होगा कि अपने संबंधित ‘समाज’ के लिए उसने क्या किया है.

बसपा पदाधिकारियों के मुताबिक, आवेदनों में ‘समाज’ का आशय जाति से है.

पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि यदि कोई आवेदक ब्राह्मण है, तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र- जहां से उन्हें टिकट पाने की अपेक्षा है- में ब्राह्मण समुदाय के लिए अपनी तरफ से किए गए कार्यों का उल्लेख करना चाहिए.

उन्हें अपने समाज के लिए आयोजित सभाओं, नुक्कड़ सभाओं, धरने आदि का उल्लेख करना होगा.

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पदाधिकारी ने कहा, ‘यह सारी जानकारी 250-300 शब्दों में दी जा सकती है. आवेदकों को राजनीति के क्षेत्र में अन्य उपलब्धियों और व्यक्तिगत ब्योरे के अलावा यह जानकारियां भी देनी चाहिए.’

एक दूसरे पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि उम्मीदवारों को अपनी जातियों के लिए दिए योगदान के अलावा बहुजन आंदोलन से अपने जुड़ाव के बारे में भी ब्योरा देना होगा.

पदाधिकारी ने कहा, ‘यह बताना होगा कि जैसे क्या भूमिका थी और उन्होंने आंदोलन में कितने दिन बिताए? उम्मीदवारों को आवेदन में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि और पेशे आदि से जुड़ी जानकारियों का भी उल्लेख करना होगा.’

उन्होंने आगे बताया कि पार्टी सितंबर के अंत तक यह सारी प्रक्रिया पूरी करने की योजना बना रही है ताकि अक्टूबर में टिकटों को अंतिम रूप दिया जा सके.

उनके अनुसार, पार्टी चुनाव से पहले नवंबर तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने की योजना बना रही है.


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उम्मीदवार का इंटरव्यू होगा

बसपा सूत्रों ने पुष्टि की कि पार्टी ने इस बार अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप से चुनने संबंधी प्रक्रिया के मानदंडों में बदलाव किया है.

बसपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी ने हर निर्वाचन क्षेत्र में आवेदन आमंत्रित करने के लिए पूरी तरह प्रोफेशनल तरीका अपनाया है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 10 आवेदनों को शॉर्टलिस्ट करने की जिम्मेदारी पार्टी की जिला इकाई प्रमुख के नेतृत्व में एक समिति को दी गई है.

उन्होंने बताया, ‘शॉर्टलिस्टिंग के बाद प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति उनमें से दो या तीन आवेदकों को शार्टलिस्ट करेगी और फिर आखिरी में बहनजी (मायावती) उम्मीदवारों का चयन करेंगी. इस बार वह खुद संभावित उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेंगी.’

नेता ने बताया कि आवेदनों को एकत्र किए जाने और उन्हें शॉर्टलिस्ट करने के संबंध में जिला अध्यक्षों के लिए लिखित दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘जिला अध्यक्षों को सीवी में देखना होगा कि सभी आवश्यक जानकारियों का ब्योरा दिया गया है या नहीं, जिसमें समाज (जाति) के लिए योगदान, बहुजन आंदोलन में योगदान, बसपा की विचारधारा पर राय आदि शामिल हैं. उन्हें उम्मीदवारों के आपराधिक पृष्ठभूमि का पता लगाने का निर्देश भी दिया गया है.’

बसपा की प्रयागराज इकाई के जिलाध्यक्ष चिंतामणि वर्मा ने कहा कि वे ऐसी जानकारियां जुटा रहे हैं क्योंकि कई सीटों पर जाति फैक्टर बहुत ही अहम है. वर्मा ने कहा, ‘हम टिकटों के लिए साफ-सुथरी इमेज वाले उम्मीदवार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’

बसपा प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि पार्टी केवल बुनियादी जानकारियां जुटा रही है.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम पृष्ठभूमि का ब्योरा और समाज के लिए योगदान के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है. यह सभी बुनियादी जानकारियां है जो सभी पार्टियां जुटाती हैं. हम भी वही कर रहे हैं. यह पुराना तरीका ही है लेकिन इस बार हम इसे पारदर्शी तरीके से कर रहे हैं.’


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