नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एक संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के एक पदाधिकारी और भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के बीच मोदी सरकार द्वारा पूर्वव्यापी कर (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) संशोधन से सम्बन्घित प्रावधानों को हटाने के फैसले को लेकर ट्विटर पर जमकर वाकयुद्ध छिड़ गया है.
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इस फैसले से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होगा और उन्होंने इसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दुष्परिणाम के रूप में उद्धृत किया था. एसजेएम आरएसएस की आर्थिक विचार वाली शाखा है.
उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘यह सच है कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के दबाव में आई सरकार के पास कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं था, लेकिन इसका शीर्षक ‘चोरों को मिली राहत – सरकार और जनता को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, होना चाहिए. यह विदेशी निवेश के दुष्परिणामों का एक शानदार उदाहरण है.’
It is true that under pressure from international arbitration, government had no other option, but the title should be Relief to thieves – Thousands of Crores of Rupees Loss to Government and Public. A great example of disadvantages of foreign investment. pic.twitter.com/wzaKdiK33D
— ASHWANI MAHAJAN (@ashwani_mahajan) August 6, 2021
भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस बारे में ऐसे सवाल पूछना व्यापक राष्ट्रहित में नहीं है.
महाजन के ट्वीट का उत्तर देते हुए चौथाईवाले ने लिखा “प्रिय श्री @ashwani_mahajan, तो क्या आप एफ.डी.आई. पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं?’
Dear Shri @ashwani_mahajan , so are you demanding total ban on FDI? https://t.co/Qln9SvOCLz
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) August 6, 2021
इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, महाजन ने इस बारे में आश्चर्य जताया कि सरकार के फैसलों की समीक्षा क्यों नहीं की जा सकती.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सर जी, ट्वीट (ध्यान) से पढ़िए. क्या किसी नीति के फायदे और नुकसान के बारे में बात करना अपराध है?’
Sir ji, read the tweet. Is it a crime to talk about advantages and disadvantages of a policy? https://t.co/UeibCj3xeP
— ASHWANI MAHAJAN (@ashwani_mahajan) August 6, 2021
इसके जवाब में, भाजपा नेता ने लिखा, ‘वे सारी चीजें जो आपराधिक नहीं है, व्यापक राष्ट्रीय हित में नहीं भी हो सकती है, यह एक ऐसा बिंदु है जिसे स्वीकार करने में आप बार-बार विफल हो रहे हैं.’
Everything that is not criminal may not be in larger national interest, a point you repeatedly fail to acknowledge. https://t.co/aJuGzdaa4B
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) August 6, 2021
इसके बाद महाजन ने चौथाईवाले को इस मुद्दे पर बहस के लिए आमंत्रित किया: “श्री @ vijai63 आप अपने ‘महान’ विश्वासों के बारे में सार्वजानिक बहस के लिए क्यों सामने नहीं आते?”
Shri @vijai63 why don’t you come for a debate about your ‘great’ beliefs? https://t.co/Lup1gUIzKi
— ASHWANI MAHAJAN (@ashwani_mahajan) August 6, 2021
भाजपा नेता ने अभी तक उनके इस ट्वीट का जवाब नहीं दिया है.
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रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा 2012 में किये गए विवादास्पद रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स सम्बन्धी संशोधनों को रद्द करने के उद्देश्य से, मोदी सरकार ने इस गुरुवार लोकसभा में आयकर अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया है.
यह विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और एक धन विधेयक (मनी बिल) होने की वजह से इसे राज्यसभा की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. दिप्रिंट ने पहले हैं यह बताया था कि कैसे इस कदम से वोडाफोन पीएलसी और केयर्न एनर्जी के साथ भारत के उन मामलों में क़ानूनी विवाद समाप्त हो जाएगा, जिनमें आयकर कानूनों में पूर्वव्यापी बदलाव (रेट्रोस्पेक्टिव चेंज) के बाद आयकर विभाग द्वारा अतिरिक्त कर की मांग उठाई गई थी.
इस सारे मामले को एक ‘कष्टप्रद बिंदु’ बताते हए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि ‘पिछले कुछ वर्षों में, वित्तीय और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई बड़े सुधार शुरू किए गए हैं, जिन्होंने देश में निवेश के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया है. हालांकि, यह पूर्वव्यापी स्पष्टीकरण संशोधन (रेट्रोस्पेक्टिव क्लारीफिकटोरी अमेंडमेंट) और इसके कारण कुछ मामलों में की गई कर की मांग संभावित निवेशकों के लिए एक ‘कष्टप्रद बिंदु’ बनी हुई है.’
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