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Friday, 3 May, 2024
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भाजपा यूपी में ‘जय भीम’ नहीं ‘जय आंबेडकर’ के नारे के साथ प्रचार करेगी : सांसद कौशल किशोर

आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर का कहना है कि भाजपा ने सबके कल्याण के लिए काम किया है जबकि बसपा और समाजवादी पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त हैं.

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नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा है कि भाजपा ने दलित समुदाय के उत्थान के बीआर आंबेडकर के मिशन का पूरा करने का काम किया है.

लखनऊ के मोहनलालगंज निर्वाचन क्षेत्र के एक दलित सांसद किशोर ने कहा कि भाजपा ‘जय भीम’ के बजाये ‘जय अंबेडकर’ के नारे के साथ प्रचार करेगी क्योंकि यह नारा अधिक समावेशी है और किसी एक पक्ष से संबंधित नहीं है.

किशोर ने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘वे ‘जय भीम’ का नारा लगाते रहे हैं और लोगों से जाति के आधार पर वोट देने को कहते हैं. वह (मायावती) ‘जय भीम’ कहती हैं, लेकिन इसका उनके विचारों से कोई लेना-देना नहीं है. वे सिर्फ सत्ता हासिल करना चाहती हैं. डॉ. अंबेडकर जाति के खिलाफ थे लेकिन जय भीम को एक वर्ग विशेष का नारा बना दिया गया है.’

भाजपा सांसद ने कहा, ‘भाजपा ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ की अवधारणा पर काम करती है और हम दलित समुदाय का कल्याण सुनिश्चित करेंगे. मैं एक दलित परिवार से आता हूं और मुझे मंत्री बनाया गया है. भाजपा समुदाय को इस तरह का महत्व देती है.’

उन्होंने कहा कि सबके लिए काम करने वाली भाजपा के विपरीत बसपा ने केवल वोट हासिल करने के लिए ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन शुरू कर दिया है.

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उन्होंने आगे कहा, ‘मायावती और अखिलेश यादव दोनों बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन यह हमारी मोदी सरकार ही है जिसने नीट परीक्षा में ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है. इसी तरह, हमारी आवास योजनाओं, उज्ज्वला योजना (एलपीजी कनेक्शन के लिए) आदि ने लाखों दलित परिवारों को फायदा पहुंचाया है. हम खोखले वादे नहीं करते.’


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किशोर ने आगे बताया कि सभी सांसद राशन वितरण व्यवस्था की जांच करने और यह देखने के लिए राशन की दुकानों का दौरा करेंगे कि क्या इसमें किसी सुधार की जरूरत है.

भाजपा कल्याणकारी कार्यों को मजबूत करेगी

किशोर ने राज्य में भाजपा के प्रयासों की जानकारी देते हुए पार्टी के कल्याण कार्यों को मजबूत करने की बात भी कही, खासकर तीसरी कोविड लहर के संदर्भ.

उन्होंने कहा, ‘हमने तीसरी लहर की स्थिति से निपटने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है और हम अपने ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम को और मजबूत करेंगे. जेपी नड्डा जी ने भी हमें ‘अपना बूथ कोरोना मुक्त’ अभियान पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.’
यूपी में पार्टी के आउटरीच प्रोग्राम के तहत भाजपा सांसद एक ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ भी निकालेंगे, जिसके जरिये वे अपने क्षेत्र समेत तीन से चार संसदीय क्षेत्रों में सरकार के कल्याणकारी उपायों के बारे में जागरूकता फैलाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘15 अगस्त के बाद मैं यात्रा शुरू करूंगा. जन आशीर्वाद यात्रा के तहत मैं उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी और सीतापुर जिलों और उनसे संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ राजधानी लखनऊ से भी गुजरूंगा. इसका मकसद लोगों को मोदी और योगी सरकार की विभिन्न योजनाओं और सरकार के कल्याणकारी कदमों के बारे में अवगत कराना है.’

किशोर ने यह भी बताया कि कैसे भाजपा की सरकार आने के बाद राज्य के गांवों को पर्याप्त बिजली मिल रही है.

उन्होंने कहा, ‘पहले तमाम गांवों में 8 घंटे बिजली मिलती थी लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि गांवों को कम से कम 18 घंटे बिजली मिले. समाजवादी पार्टी को वोट देने से अंधकार का वही युग लौट जाएगा.’

सांसद ने कहा, ‘जहां तक उत्तर प्रदेश चुनाव का सवाल है तो हम बड़े बहुमत के साथ वापसी करने जा रहे हैं. हमें यकीन है कि लोग सपा और बसपा को चुनने की गलती नहीं करेंगे जो उन्हें केवल एक वोट-बैंक के तौर पर देखते हैं.’

दो बार से सांसद किशोर पहले समाजवादी पार्टी में थे और 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने 2002 से 2007 के बीच मुलायम सिंह यादव सरकार में बतौर राज्य मंत्री काम किया था.

हाल ही में मंत्री बनाए गए किशोर पासी समुदाय से आते हैं, जिसे लुभाने की भाजपा पूरी कोशिश कर रही है क्योंकि यह गैर-जाटव दलित जाति है. जाटव आमतौर पर बसपा को वोट देते हैं.

उन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कैबिनेट फेरबदल में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. मोदी सरकार के 43 नवनियुक्त मंत्रियों में सात यूपी से हैं और उनमें से तीन-तीन ओबीसी और अनुसूचित जातियों से आते हैं और एक ब्राह्मण हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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