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Saturday, 21 December, 2024
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दो महीने में 10 करोड़ सदस्य और फर्जी सदस्य बनाने की चर्चा, BJP के बंपर मेंबरशिप ड्राइव के पीछे की सच्चाई

भाजपा ने 2014 की तुलना में तेजी से लक्ष्य हासिल किया है, जिस वक्त सदस्यता अभियान कई महीनों तक चला था और 11 करोड़ तक पहुंच गया था. इस बार सबसे ज्यादा योगदान यूपी और एमपी ने दिया, जहां 2 करोड़ नए सदस्य जुड़े हैं.

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नई दिल्ली: भाजपा का दावा है कि उसने अपने सदस्यता अभियान के दो महीने से भी कम समय में 10 करोड़ नए सदस्य बनाए हैं. इसका मतलब यह है कि वह 2015 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से छीनी गई ‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी’ का तमगा बरकरार रखेगी, जो इस साल के अंत तक उसी सदस्यता लक्ष्य को हासिल करने की ओर आगे बढ़ रही है.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में इस अभियान के तहत सर्वाधिक सदस्य बनाए गए हैं.

राजस्थान में सदस्यता अभियान के प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी ने 10 करोड़ सदस्यों का लक्ष्य हासिल कर लिया है और अगले कुछ दिनों में यह 11 करोड़ से अधिक हो जाएगा. “हरियाणा और जम्मू-कश्मीर जैसे कुछ बचे हुए राज्यों में अभियान शुरू हो चुका है और यह कुल संख्या में जुड़ जाएगा.”

भाजपा ने 2014 की तुलना में भी तेजी से लक्ष्य हासिल किया है, जब पार्टी का सदस्यता अभियान 11 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचने में कई महीने लग गए थे.

मौजूदा सदस्यता अभियान सितंबर में शुरू हुआ था और अक्टूबर के अंत तक समाप्त हो जाएगा. 11 अक्टूबर को शुरू हुआ यह नया चरण महीने के अंत तक जारी रहेगा, जिसके बाद 1 से 5 नवंबर तक स्क्रूटिनी पीरियड होगा. सदस्यों को 100 रुपये दान करने के बाद प्रमाण पत्र मिलेगा और अगर वे अपने विधानसभा क्षेत्र या एक बूथ पर 50 नए सदस्य जोड़ते हैं, तो वे सक्रिय सदस्य बन जाएंगे. उत्तर प्रदेश में पार्टी के सदस्यता प्रभारी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया: “इस महीने अभियान समाप्त होने के बाद यह संख्या 11 करोड़ को पार कर सकती है. दो राज्य, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, 2 करोड़ से अधिक सदस्य बनाकर नंबर एक और नंबर दो राज्य बन गए हैं.”

अब, सदस्यता अभियान के अंतिम चरण में होने के कारण, पार्टी स्थानीय समितियों, उसके बाद मंडल, जिला, क्षेत्रीय और राज्य समितियों में पार्टी नेताओं का चुनाव करने के लिए राष्ट्रव्यापी संगठनात्मक चुनाव कराएगी. प्रत्येक स्तर पर अध्यक्ष पदाधिकारियों की एक टीम को नामित करेंगे. आधे राज्यों में चुनाव पूरा होने के बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे, जिसके लिए सोमवार को चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की गई.

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सोमवार को दिल्ली में सभी चुनाव प्रभारियों और सदस्यता अभियान प्रमुखों के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्षों की बैठक की.

सदस्यता अभियान में UP अव्वल, MP दूसरे नंबर पर

यूपी में अभियान का हिस्सा रहे एक भाजपा नेता ने दिप्रिंट को बताया, “उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्य बन गया है. इसने अब तक राज्य से 2.5 करोड़ सदस्य बनाए हैं: 2.25 करोड़ ऑनलाइन और 25 लाख ऑफ़लाइन तरीके से. इस तरह उत्तर प्रदेश यूनिट कुल भाजपा सदस्यता का 25 प्रतिशत हिस्सा बनाती है.”

उन्होंने कहा, “हालांकि शुरुआत में प्रगति धीमी थी, लेकिन संगठन के महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष की ऊर्जा ने लक्ष्य हासिल करने में मदद की. हमारा लक्ष्य भाजपा के 75 प्रतिशत मतदाताओं को सदस्य के रूप में पंजीकृत करना था, जो हासिल हो गया.”

यूपी बीजेपी नेता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने 50,000 सदस्य बनाए हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शीर्ष 20 में शामिल हैं. मौर्य ने 20,000 से ज़्यादा सदस्य बनाए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा से विधायक पंकज सिंह ने 30,000 से ज़्यादा सदस्य बनाए हैं.

2 सितंबर को जब बीजेपी ने ‘सक्रिय सदस्यता अभियान 2024’ की शुरुआत की, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे नेताओं ने ‘प्राथमिक सदस्य’ के तौर पर नामांकन करके अपनी पार्टी की सदस्यता का नवीनीकरण किया.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, नवीनतम अभियान के पहले दिन 47 लाख सदस्य पंजीकृत किए गए. पहले चरण में, 2 से 25 सितंबर तक, 6 करोड़ सदस्य पंजीकृत किए गए. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक सदस्य पंजीकृत किए गए, जबकि गुजरात और असम ने क्रमशः 85 लाख और 50 लाख सदस्य बनाए. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा जैसे छोटे राज्यों ने भी सदस्य नामांकन की गति अच्छी थी.

पार्टी के एक केंद्रीय नेता ने दिप्रिंट को बताया, “इस बार युवा, दलित और महिला सदस्यों को नामांकित करने जैसी गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिया गया था, इसलिए युवा मोर्चा को युवाओं को नामांकित करने का काम सौंपा गया था. सभी मोर्चों को लक्ष्य दिया गया था.”

फर्जी सदस्यता

2 सितंबर को भाजपा सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी के पहले सदस्य के रूप में नामांकन करते समय, पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को याद दिलाया कि सदस्यता अभियान कोई “परंपरा” या “संख्याओं का खेल” नहीं होना चाहिए, बल्कि पार्टी में नए सदस्यों के शामिल होने का जश्न मनाना चाहिए और यह पार्टी का “भावनात्मक और वैचारिक” विस्तार होना चाहिए.

लेकिन, जमीनी स्तर पर, भाजपा इकाइयों पर संख्यात्मक लक्ष्य हासिल करने का दबाव डाला गया.

पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टी को नए सदस्यों को फर्जी तरीके से शामिल करने से रोकने के लिए एक रेफरल कोड और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता होती है, लेकिन कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने एजेंसियों को काम पर रखा है, जिन्हें नए सदस्यों को जोड़ने का काम सौंपा गया है.

रक्तदान शिविरों से लेकर दुर्गा पूजा भंडारा तक, भाजपा नेताओं ने लोगों को पार्टी में शामिल करने के लिए कई तरीके अपनाए हैं.

उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक मंत्री ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने “स्वास्थ्य, बिजली और परिवहन विभाग के कर्मचारियों को भाजपा सदस्य के रूप में नामांकित करने के लिए कहा और आउटसोर्सिंग एजेंसियों से भी कहा कि वे अपने डेटा बैंक और नंबरों का उपयोग करके नए सदस्यों को नामांकित करें”.

सितंबर में पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करते समय, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने 10 करोड़ सदस्यों का लक्ष्य रखा था. तब से, उन्होंने सदस्यता अभियान को गति देने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्राएं की हैं. इसी तरह, भाजपा के संगठनात्मक महासचिव बी.एल. संतोष ने कई राज्यों का दौरा किया जहां सदस्यता अभियान धीमा था.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, संतोष राजस्थान में अभियान की धीमी प्रगति से नाराज थे और उन्होंने नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर से कहा कि प्रगति संतोषजनक नहीं है.

तब से, भाजपा की राज्य इकाइयों ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया है और मध्य प्रदेश इकाई ने पिछले सप्ताह घोषणा की कि उसने 1.5 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.

प्रधानमंत्री ने जहां अधिक जनसंख्या वाले राज्यों की तुलना में इतने अधिक सदस्यों को नामांकित करने के लिए इकाई की प्रशंसा की, वहीं राज्य के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने इस उपलब्धि पर सवाल उठाए.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, विश्नोई ने कहा कि उन्हें एक एजेंसी से एक संदेश मिला था जिसमें उनके खाते से पार्टी की सदस्यता बढ़ाने की पेशकश की गई थी और इस तरीके का उपयोग करके पार्टी के सदस्य संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे लोगों पर कटाक्ष किया.

विश्नोई के दावे का समर्थन राज्य में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार समेत कई कांग्रेस विधायकों ने किया. उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टी से होने के बावजूद उन्हें भी ऐसे संदेश मिले हैं. कुछ कांग्रेस विधायकों ने भाजपा सदस्य के रूप में पंजीकृत होने के बाद एफआईआर भी दर्ज कराई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि कांग्रेस अपने दावे के समर्थन में कोई भी जानकारी साझा नहीं कर सकती.

हालांकि, फर्जी सदस्यता अभियान के कई मामले सामने आए हैं. मध्य प्रदेश में, आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने होलकर साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा भाजपा नेताओं को परिसर में सदस्यता अभियान चलाने की अनुमति देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण भाजपा ने अभियान रद्द कर दिया.

इस तरह के आरोपों का बचाव करते हुए, ऊपर उद्धृत उत्तर प्रदेश के पार्टी सदस्यता प्रभारी ने दिप्रिंट से कहा, “सभी सदस्यता की जांच की जाएगी और उसके बाद ही सक्रिय सदस्यता दी जाएगी. इतनी बड़ी कवायद में कुछ विसंगतियां हो सकती हैं, लेकिन पार्टी ऐसी विसंगतियों को खत्म करने के लिए सत्यापन करेगी.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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